प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 दिसंबर को आएंगे प्रयागराज, करेंगे 6500 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 दिसंबर को प्रयागराज आएंगे। प्रधानमंत्री यहां आने के बाद महाकुम्भ की 6500 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। प्रधानमंत्री के 13 दिसंबर को आने का संकेत मिलने के बाद जिला प्रशासन और मेला प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 दिसंबर को प्रयागराज आएंगे। प्रधानमंत्री यहां आने के बाद महाकुम्भ की 6500 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। प्रधानमंत्री के 13 दिसंबर को आने का संकेत मिलने के बाद जिला प्रशासन और मेला प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। मेला प्रशासन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री रिंग रोड, बड़े हनुमान मंदिर, भरद्वार मंदिर कॉरिडोर समेत महाकुम्भ की तमाम परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। परियोजनाओं का लोकार्पण करने के बाद प्रधानमंत्री जनसभा को संबोधित करेंगे।
यह सभा प्रयागराज के परेड मैदान में होगी। प्रधानमंत्री के श्रृंग्वेरपुर जाने की योजना है। श्रृंग्वेरपुर को तीर्थ क्षेत्र घोषित करने की मांग काफी समय से हो रही है। अभीतक यह स्पष्ट नहीं है कि प्रधानमंत्री तीर्थ क्षेत्र घोषित करेंगे या नहीं। चर्चा है कि प्रधानमंत्री लोकार्पण के दौरान हजारों करोड़ की सामान्य परियोजनाओं का शिलान्यास भी कर सकते हैं।
10 दिसंबर तक काम पूरा करने का दिया निर्देश
प्रधानमंत्री कार्यालय ने महाकुम्भ के सभी काम 10 दिसंबर तक पूरा करने का निर्देश दिया है। केंद्र और राज्य सरकार की ओर से कराए जा रहे महाकुम्भ के कार्यों की गुरुवार को नई दिल्ली स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय में समीक्षा की गई। मेला अधिकारी विजय किरन आनंद के साथ समीक्षा बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निजी सचिव पीके मिश्रा ने महाकुम्भ में कराए जा रहे एक-एक काम की जानकारी प्राप्त की। 10 दिसंबर तक काम पूरा करने का निर्देश दिया।
17 नवंबर को होगा संतों का जमावड़ा
सभी अखाड़ों के संत- महात्माओं का 17 नवंबर को प्रयागराज में जमावड़ा होगा। मेला प्रशासन 18 व 19 नवंबर को अखाड़ों के संतों को जमीन का आवंटन करेगा। 17 नवंबर को एक और 18 को दूसरे गुट के संतों को जमीन आवंटित की जाएगी। मेला प्रशासन पर संतों ने जमीन कम देने का आरोप लगाया था। मेला प्रशासन का दावा है कि कुम्भ 2019 के बराबर संत-महात्माओं को जमीन आवंटित की जा रही है। जमीन आवंटन का कोई विरोध नहीं है।