यूपी की इस यूनिवर्सिटी में चलेगी ज्योतिष, वास्तुशास्त्र और कर्मकांड की ओपीडी, एक्सपर्ट करेंगे निवारण
DDU में अब ज्योतिष, वास्तु और कर्मकांड की पढ़ाई के साथ संस्कृत को व्यावहारिक जीवन और रोजगार से भी जोड़ने की तैयारी है। विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ वास्तुदोष का निवारण करेंगे।
देवभाषा संस्कृत को लोकप्रिय बनाने की देश में चल रही कवायदों के बीच दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग ने नई पहल की है। यहां अब ज्योतिष, वास्तु और कर्मकांड की पढ़ाई के साथ संस्कृत को व्यावहारिक जीवन और रोजगार से भी जोड़ने की तैयारी है। विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ वास्तुदोष का निवारण तो करेंगे ही महामृत्युंजय व सामूहिक रुद्राभिषेक भी कराएंगे। ज्योतिष, वास्तुशास्त्र और कर्मकांड पर बाकायदा ओपीडी चलेगी।
डीडीयू के संस्कृत विभाग में ज्योतिष, वास्तु एवं कर्मकांड में पीजी डिप्लोमा कोर्स को नए कलेवर में परोसे जाने की तैयारियां चल रही हैं। इसके तहत परामर्श केंद्र स्थापित किया जा रहा है। इसमें विशेषज्ञ बताएंगे कि घर में वास्तुदोष तो नहीं है। यदि है तो वह कैसे ठीक होगा। विभाग में प्रयोगशाला खोलने की भी योजना है। इसकी योजना तैयार की जा रही है। इसके बाद बाद उसे वित्त समिति में रखा जाएगा। वित्त समिति की मुहर के बाद महामृत्युंजय जाप और सामूहिक रुद्राभिषेक कराने की योजना को मूर्त रूप मिल जाएगा।
हर सोमवार और तेरस को रुद्राभिषेक
ज्योतिष, वास्तु एवं कर्मकांड पाठ्यक्रम के समन्वयक डॉ. सूर्यकांत त्रिपाठी के मुताबिक हर सोमवार को सामूहिक रुद्राभिषेक की योजना है। इसके अलावा हर महीने दोनों तेरस के दिन भी रुद्राभिषेक होगा। कर्मकांड के जो छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, वे ही महामृत्युंजय व रुद्राभिषेक भी कराएंगे। विश्वविद्यालय के शिक्षकों-छात्रों के अलावा बाहरी लोग भी रुद्राभिषेक में हिस्सा ले सकेंगे। विश्वविद्यालय कैंपस में आकर लोग अनुष्ठान करा सकेंगे या फिर सुविधा अनुसार छात्र घरों पर जाकर कर्मकांड संपन्न कराएंगे। महामृत्युंजय और रुद्राभिषेक का शुल्क बहुत कम होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में भी कर्मकांड को लेकर लोगों को जागरूक किया जाएगा।
हफ्ते में तीन दिन नि:शुल्क परामर्श
संस्कृत विभाग में तीन दिन ज्योतिष, वास्तु एवं कर्मकांड पर नि:शुल्क ओपीडी भी चलेगी। प्रत्येक सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को दोपहर 1 से 2 बजे तक शिविर आयोजित होगा। इसमें कोई भी व्यक्ति परामर्श ले सकता है।
क्या बोलीं कुलपति
डीडीयू की कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि ज्योतिष, वास्तु एवं कर्मकांड पाठ्यक्रम को आकर्षक और व्यावहारिक बनाने की कवायद चल रही है। इसके तहत नि:शुल्क परामर्श शिविर शुरू किया जा रहा है। कर्मकांड के छात्र अपने ज्ञान को व्यावहारिक जीवन में भी उतारेंगे। संस्कृत विषय के छात्रों के लिए भी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।