ओपी राजभर के अल्टीमेटम से बैकफुट पर पुलिस-प्रशासन, दारोगा-सिपाही सस्पेंड, केस की भी तैयारी
कैबिनेट मंत्री ओपी राजभर के अल्टीमेटम का असर कुछ घंटों में ही दिखाई दिया है। सुभासपा नेता की पिटाई करने के आरोपी दारोगा और सिपाही को सस्पेंड कर दिया गया है। मामला बलिया के बांसडीह कोतवाली का है।

योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री और सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर की धमक एक बार फिर जोरदार तरीके से सुनाई दी है। अपने एक नेता की पिटाई के मामले में एक्शन नहीं होने पर राजभर ने थाने पर प्रदर्शन करने का ऐलान करते हुए अधिकारियों को पुलिस वालों पर कार्रवाई के लिए अल्टीमेटम दे दिया। पहले तो अधिकारी किसी अल्टीमेटम से ही इनकार करते रहे। जब मीडिया में राजभर का अल्टीमेटम वायरल हुआ तो बिना देरी किए दारोगा और सिपाही को सस्पेंड कर दिया गया है। पुलिस फिलहाल दोनों पक्षों की ओर से दी गई तहरीर के आधार पर केस दर्ज करने की कार्रवाई कर रही है।
सुभासपा के बांसडीह विस क्षेत्र के प्रभारी उमापति राजभर मंगलवार को बांसडीह तहसील गए थे। वहां एसडीएम के स्टेनो ने उनके पैर पर कार चढ़ा दी। इसे लेकर विवाद हुआ। उस समय तो आसपास मौजूद लोगों ने सलटा दिया। आरोप है कि स्टेनो ने कोतवाली में फोन कर दिया। इसके बाद वहां पहुंचे एसआई रंजीत विश्वकर्मा और सिपाही शैलेश वहां पहुंचे और सुभासपा नेता को तहसील से पकड़कर कोतवाली ले गए। एक कमरे में बंद कर कोतवाल संजय सिंह की मौजूदगी में उनकी पट्टे से पिटाई की गई। इस दौरान उनके कंधे पर रखा पीला गमछा भी पुलिस ने छीनकर जमीन पर फेंक दिया।
इसकी जानकारी सुभासपा नेता ने पार्टी नेताओं को दी तो पुलिस के खिलाफ आक्रोश व्याप्त हो गया। पार्टी के शीर्ष नेता उनके समर्थन में उतर आए। राष्ट्रीय महासचिव अरविंद राजभर ने अधिकारियों को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि पुलिस वालों के खिलाफ बुधवार की शाम तक कार्रवाई नहीं हुई तो खुद ओपी राजभर शुक्रवार को थाने का घेराव और प्रदर्शन करेंगे। मामले को तूल पकड़ता देख एसपी ओमवीर सिंह ने आरोपी दारोगा और सिपाही को सस्पेंड कर दिया। सीओ बांसडीह प्रभात कुमार ने बताया कि मामले में उमापति राजभर तथा एसडीएम के स्टेनो की ओर से दी गई तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है।