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शिक्षकों के ऑनलाइन रिक्वेस्ट दर्ज नहीं हो रहे, ऑफलाइन संशोधन पर है रोक; पोर्टल बना जंजाल

  • दो महीने से शिक्षकों के किसी भी प्रकार के ऑनलाइन रिक्वेस्ट को पोर्टल न तो दर्ज कर पा रहा है और न ही सेवा से जुड़े प्रकरणों में किसी प्रकार का सुधार हो पा रहा है। ऊपर से बेसिक शिक्षा परिषद ने ऑफलाइन संशोधन पर रोक लगा रखी है। नतीजतन लाखों शिक्षकों की सेवा संबंधी समस्याओं का निस्तारण नहीं हो पा रहा है।

Ajay Singh हिन्दुस्तान, अजीत कुमार, लखनऊSat, 1 Feb 2025 06:28 AM
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शिक्षकों के ऑनलाइन रिक्वेस्ट दर्ज नहीं हो रहे, ऑफलाइन संशोधन पर है रोक; पोर्टल बना जंजाल

Primary Teacher News: परिषदीय शिक्षकों की सेवा संबंधी मामले के निपटारे के लिए बना मानव संपदा पोर्टल गुरुजी के लिए ही जी का जंजाल बन गया है। हालत यह है कि बीते दो महीने से शिक्षकों के किसी भी प्रकार के ऑनलाइन रिक्वेस्ट को पोर्टल न तो दर्ज कर पा रहा है और न ही सेवा से जुड़े प्रकरणों में किसी प्रकार का सुधार हो पा रहा है। ऊपर से बेसिक शिक्षा परिषद ने ऑफलाइन संशोधन पर रोक लगा रखी है नतीजा लाखों शिक्षकों की सेवा संबंधी समस्याओं का निस्तारण नहीं हो पा रहा है।

बेसिक शिक्षा परिषद ने शिक्षकों से 10 जनवरी तक उनकी सेवा संबंधी किसी भी प्रकार की समस्याएं अथवा संशोधन के लिए पोर्टल पर ही आवेदन करने या अपलोड करने के निर्देश जारी किए थे। परिषदीय शिक्षकों से उनकी सेवा संबंधी मामलों के संशोधन या निपटारे के लिए मानव सम्पदा पोर्टल पर एक जनवरी 2025 से ऑनलाइन रिक्वेस्ट मांगी गई थी, परन्तु आज एक माह बीत गया पोर्टल पर किसी भी प्रकार का आवेदन या संशोधन न तो दर्ज हो पा रहा है और न ही कोई समाधान हो पा रहा है।

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पिछले माह तक ऑफलाइन संशोधन हो जा रहा था ,वह भी अब नहीं हो पा रहा क्योंकि बेसिक शिक्षा परिषद ने इसे रोक दिया है। नतीजा, शिक्षक परेशान हैं, उनकी कोई सुनने वाला नहीं है। आवेदन या संशोधन अगर बीआरसी से फारवर्ड कर भी दिया गया है तो बीएसए कार्यालय में अटका हुआ है। कार्यालय संपर्क करने पर कोई स्पष्ट रूप से बताने को तैयार नहीं हैं। इस तरह शिक्षकों के सर्विस बुक संशोधन का काम अब भी अधर में हैं।

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लखनऊ समेत कुछ जिलों में एनओसी तक के लाले

लखनऊ समेत कई अन्य जिलों में शिक्षकों के चयनित वेतनमान तथा अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन भी मानव सम्पदा पोरटल के माध्यम से ही लिए जाने का प्रावधान किया गया है लेकिन लखनऊ के साथ-साथ अन्य सभी संबंधित जिलों में पोर्टल पर अब तक एल वन एवं एल टू अधिकारी नहीं बनाए जा सकें हैं। परिणामस्वरूप परिषदीय शिक्षक अनापत्ति प्रमाण पत्र एवं चयन वेतनमान के लिए आवेदन ही नहीं कर पा रहे हैं।

इसी प्रकार से सीतापुर को छोड़ दें तो कमोबेश सभी जिलों में सर्विस बुक में इंक्रीमेंट व चयनित वेतनमान आदि का ब्यौरा दर्ज नहीं हो पा रहा है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष निर्भय सिंह कहते हैं कि पोर्टल की यह समस्या शिक्षकों के लिए इस समय सबसे बड़ा सिरदर्द बना हुआ है। इसे शीघ्र दूर किया जाना चाहिए।

ऑनलाइन रिक्वेस्ट दर्ज नहीं होने से ये सभी संशोधन पड़े हैं लम्बित

जन्म तिथि ,सब्जेक्ट मैपिंग ,पदनाम ,रिटायरमेंट डेट ,नॉमिनी, सर्विस बुक में इंक्रीमेंट,चयनमान वेतनमान आदि।

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