यूपी बोर्ड ने 1416 शिक्षकों को किया डिबार, परीक्षा में नहीं मिलेगी कोई भी ड्यूटी
- डिबार शिक्षकों और प्रधानाचार्यों को परिषदीय परीक्षा 2025 से संबंधित सभी कामों से अलग रखा जाए। यदि ऐसे शिक्षक या प्रधानाचार्य परीक्षा के लिए निर्धारित परीक्षा केंद्र पर केंद्र व्यवस्थापक या सहायक केंद्र व्यवस्थापक के रूप में नियुक्त हों तो उनके स्थान पर विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक की ड्यूटी लगाई जाए।
UP Board Exam: यूपी बोर्ड ने 1416 शिक्षकों को हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा से डिबार कर दिया है। डिबार शिक्षकों की सूची बोर्ड की ओर से जिला विद्यालय निरीक्षकों को भेजते हुए इन शिक्षकों और प्रधानाचार्यों को बोर्ड परीक्षा से संबंधित सभी कार्यों से अलग रखने के निर्देश दिए गए हैं। प्रयागराज में डिबार शिक्षकों की संख्या 158 है।
सचिव भगवती सिंह की ओर से जारी सूची के साथ निर्देश दिए गए हैं कि डिबार शिक्षकों और प्रधानाचार्यों को परिषदीय परीक्षा 2025 से संबंधित सभी कार्यों से अलग रखा जाए। यदि ऐसे शिक्षक या प्रधानाचार्य परीक्षा के लिए निर्धारित परीक्षा केंद्र पर केंद्र व्यवस्थापक या सहायक केंद्र व्यवस्थापक के रूप में नियुक्त हों तो उनके स्थान पर विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक की ड्यूटी लगाई जाए।
यदि इस मामले में कोई लापरवाही होती है तो संबंधित के विरुद्ध नकल निवारण अधिनियम 2024 सहित संगत धाराओं एवं विभागीय नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसकी पूरी जिम्मेदारी संबंधित अधिकारी की होगी। प्रयागराज के जिला विद्यालय निरीक्षक पीएन सिंह ने 23 जनवरी को सभी स्कूलों को निर्देश दिए हैं।
निरीक्षण दल से बदसलूकी पर जेल और जुर्माना
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा 2025 के दौरान निरीक्षण दल से बदसलूकी करना भारी पड़ेगा। ऐसा करने वाले के खिलाफ उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम, 2024 के तहत कार्रवाई करते हुए जेल भेजने के साथ ही जुर्माना लगाया जाएगा। परीक्षा में प्रश्नपत्रों की गोपनीयता एवं शुचिता बनाए रखने और नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए परीक्षा केंद्रों के निरीक्षण के संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
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साफ किया है कि निरीक्षण दल के किसी सदस्य को धमकी, उत्प्रेरणा, प्रलोभन, बाधा या बल प्रयोग से प्रभावित करने या प्रभावित किए जाने का प्रयास करने पर आरोपी व्यक्ति पर जुर्माना लगाने के साथ ही जेल की सजा होगी। साथ ही बोर्ड परीक्षा से संबंधित कर्मचारी की लापरवाही से प्रश्नपत्र के पूर्व प्रकटन, परीक्षा संचालन पर प्रतिकूल प्रभाव होने की स्थिति में भी जेल व जुर्माना होगा।