यूपी में पोर्टल से गायब हो गए बिजली कनेक्शन के एक लाख आवेदन, मुश्किल में आवेदक
- कई लोग 100 रुपये प्रोसेसिंग फीस की रसीद लेकर घूम रहे हैं, जिनके पास रसीद नहीं है, उन्हें फीस डूबने की भी चिंता सता रही है। पावर कार्पोरेशन सूत्रों का कहना है कि 11 जनवरी 2025 के पहले के नए कनेक्शन के आवेदन का कोई हिसाब नहीं बचा है। डाटा रिकवर करने की कोशिश जारी है।
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Applications for new electricity connection missing: उत्तर प्रदेश में नये बिजली कनेक्शन के एक लाख से अधिक आवेदन झटपट पोर्टल से गायब हो गए हैं। आवेदक मुश्किल में हैं, परेशान हैं। कई लोग 100 रुपये प्रोसेसिंग फीस की रसीद लेकर घूम रहे हैं, जिनके पास रसीद नहीं है, उन्हें फीस डूबने की भी चिंता सता रही है। पावर कार्पोरेशन सूत्रों का कहना है कि 11 जनवरी 2025 के पहले के नए कनेक्शन के आवेदन का कोई हिसाब नहीं बचा है। डाटा रिकवर करने का प्रयास है। रिकवर नहीं हुआ तो दोबारा आवेदन करना पड़ेगा।
पारदर्शिता, जवाबदेही तय करने के लिए पावर कार्पोरेशन ने झटपट पोर्टल लांच किया था। जनता के ज्यादातर काम इसी पोर्टल से होते हैं। पावर कार्पोरेशन ने 11 जनवरी 2025 को पोर्टल अपग्रेड करने के नाम पर बंद किया था। लिखापढ़ी में सिर्फ 13 जनवरी तक बंद रहा लेकिन जनता के काम पूरे महीने तक नहीं हुए। पोर्टल ने काम करना शुरू किया तो केवल नए कनेक्शन का डाटा गायब हो गया। विभाग के पास इसका भी हिसाब नहीं है कि किसके आवेदन गायब हैं। नतीजतन सभी बिजली कनेक्शन फंस गये हैं। शक्तिभवन से शिकायत पर आईटी विभाग डाटा रिकवरी में जुटा है।
नए कनेक्शन के रोज पांच हजार आवेदन
यूपी में रोज औसतन पांच हजार आवेदन झटपट पोर्टल से होते हैं। अफसरों का अनुमान है कि सवा लाख से अधिक आवेदन गायब हैं।
क्या बोले अधिकारी
पावर कॉरपोरेशन, निदेशक (आईटी) सुराजीत घोष ने कहा कि पहले पोर्टल संचालक कंपनी बदली गई है। इससे पुराने सिस्टम के डाटा नए पर लाया गया है। इससे डाटा अपग्रेड, रिकवर में 10-15 दिन लग रहा है। रिकार्ड रिकवर हो जाएगा।
उपभोक्ता परिषद की बात
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि विभाग की गलती का खामियाजा उपभोक्ता क्यों भुगतेंगे। पावर कार्पोरेशन के सॉफ्टवेयर में बहुत कमी है। यह गंभीर मामला है। पोर्टल को रिन्यू करते हुए सभी व्यवधान सही करें। साथ ही मुआवजा दिया जाएं।