रामनवमी पर VHP ने संभल में पहली बार निकाली शोभायात्रा, हाथों में तलवार और झंडे भी लहराए
- रामनवमी के मौके पर संभल में पहली बार शोभायात्रा निकली। ये शोभायात्रा विश्व हिंदू परिषद की ओर से निकाली गई। शोभायात्रा के दौरान विहिप कार्यकर्ताओं ने हाथों में तलवार और झंडे भी लहराए।

रामनवमी के मौके पर संभल में पहली बार शोभायात्रा निकली। ये शोभायात्रा विश्व हिंदू परिषद की ओर से निकाली गई। शोभायात्रा के दौरान विहिप कार्यकर्ताओं ने हाथों में तलवार और झंडे भी लहराए। शोभायात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में भी गजब का उत्साह देखने को मिला। शहर की सड़कों पर निकाली गई शोभायात्रा में परंपरा, संस्कृति और आस्था का अद्भुत संगम भी दिखाई दिया। शोभायात्रा में युवकों के अलावा युवतियां और महिलाओं ने भी करतब दिखाया। शोभायात्रा में भगवान राम, हनुमान जी और अन्य देवी-देवताओं की झांकियां भी थीं, जो आकर्षण का केंद्र रहीं। पूरी शोभायात्रा के दौरान जयकारों से माहोल भक्तिमय हो गया। शोभायात्रा को लेकर विहिप नेता ने कहा, संभल का गौरवशाली अतीत अब लौट रहा है, यही वजह है कि रामनवमी पर संभल में भव्य शोभायात्रा निकाली गई है। वहीं दूसरी ओर संभल में पहली बार निकाली गई इस शोभायात्रा को लेकर पुलिस भी पूरी तरह से मुस्तैद रही। शहर में पुलिस ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए। स्थानीय पुलिस के अलावा आरएफ की भी चप्पे-चप्पे पर तैनाती की गई।
आठ वर्षीय बच्ची ने संभल में सत्यव्रत पुलिस चौकी का किया उद्घाटन
रामनवमी के दिन संभल में बनाई गई सत्यव्रत पुलिस चौकी का रविवार को आठ वर्षीय एक बच्ची के हाथों से उद्घाटन कराया गया। संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया, पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में आठ वर्षीय गुनगुन कश्यप ने फीता काटकर चौकी का उद्घाटन किया। पिछले वर्ष 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा के बाद पुलिस ने संभल में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर पुलिस चौकियों के निर्माण की योजना बनाई थी। योजना के तहत 28 दिसंबर को संभल थाना क्षेत्र स्थित शाही जामा मस्जिद के पास सत्यव्रत पुलिस चौकी का शिलान्यास किया गया था और रामनवमी के दिन चौकी का उद्घाटन किया गया। इस पुलिस चौकी का निर्माण करीब 100 दिन में पूरा हुआ है। उक्त चौकी पर भगवान कृष्ण द्वारा कुरुक्षेत्र के युद्धस्थल पर अर्जुन को दिए गए उपदेश 'यदा, यदा ही धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत' का संदेश भी अंकित है। इसके साथ ही दो मंजिला पुलिस चौकी में सैटेलाइट टावर, जिला नियंत्रण कक्ष और सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए हैं।
संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि प्राचीन काल से लेकर आज तक संभल का नाम सतयुग में सत्यव्रत, त्रेता युग में महेंद्र गिरि और द्वापर युग में पिंगल था। उन्होंने बताया कि यह संयोग ही है कि नवरात्र के अंतिम दिन रामनवमी और भगवान श्रीराम के जन्मदिन पर पुलिस चौकी का उद्घाटन हुआ है। अधिकारी ने बताया कि मिश्रित आबादी वाला यह क्षेत्र संवेदनशील है इसलिए इस चौकी की स्थापना की गई है। संभल के पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि इस स्थान के अतीत के सांप्रदायिक इतिहास को ध्यान में रखते हुए पूर्व में हुई घटनाओं को रोकने के लिए यह एक कारगर कदम है। उन्होंने बताया कि यह चौकी बहुत महत्वपूर्ण है, जहां प्रथम तल पर जिला नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है और यह चौकी यहां रहने वाले पीएसी के जवानों के लिए बैरक का भी काम करेगी। विश्नोई ने बताया कि इस चौकी के जरिए पुलिस संभल थाने के अंतर्गत कोट पूर्वी, कोट गर्वी, कोट पश्चिम समेत आसपास के इलाकों में काम करेगी और यह संभल की सुरक्षा में मील का पत्थर साबित होगी।