प्रमोशन के बाद नई तैनाती पर न जाने वाले अफसर काट रहे मलाई, जारी नहीं हुआ तबादला आदेश
यूपी में प्रमोशन के बाद नई तैनाती पर न जाने वाले अफसर मलाई काट रहे। उनकी तैनाती का आदेश शासन में लटक जाने से इसकी आड़ में कुछ अधिकारियों को उनके मूल काम के साथ सचल दल में मलाईदार पदों की जिम्मेदारी दे दी गई है। ऐसे ही कुछ अधिकारी वित्तीय अनियमितता कर रहे हैं।
राज्य कर विभाग के अधिकारियों को सहायक आयुक्त के पदों पर प्रोन्नति तो दे दी गई, लेकिन उनकी तैनाती का आदेश शासन में लटक जाने से इसकी आड़ में कुछ अधिकारियों को उनके मूल काम के साथ सचल दल में मलाईदार पदों की जिम्मेदारी दे दी गई है। ऐसे ही कुछ अधिकारी वित्तीय अनियमितता कर रहे हैं। सहायक आयुक्त जितेंद्र कुमार पांडेय के वित्तीय अनियमितता के कारण निलंबित होने के बाद एक बार फिर से विभाग में ऐसे ही संबद्ध अधिकारियों को लेकर चर्चा होने लगी है।
पिछले साल 29 नवंबर को 80 राज्य कर अधिकारियों को सहायक आयुक्त के पद पर प्रोन्नत करने के आदेश शासन ने जारी हुए। शासन को उनकी तैनाती का आदेश जारी करना है। नई स्थानांतरण नीति जुलाई में समाप्त हो चुकी है। इसके बाद भी इनको नई तैनाती नहीं दी गई। वहीं, दूसरी ओर टैक्स आडिट जैसे प्रशासनिक अनुभागों में तैनात कई अधिकारियों को सचल दल के मलाईदार कार्यों का अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया है। इसकी जानकारी भी अपर आयुक्त सचल दल को नहीं दी जा रही है। गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के कारण निलंबित किए गए सहायक आयुक्त जितेंद्र कुमार पांडेय भी टैक्स आडिट अनुभाग में तैनात थे।
उनको छह माह पहले विशेष अनुसंधान शाखा से संबद्ध किया गया था। अब जितेंद्र कुमार पांडेय की वित्तीय अनियमितताओं की जांच के साथ गलत तरीके से सचल दल इकाईयों में संबद्ध किए गए दूसरे अनुभाग के अधिकारियों की तैनाती की भी पड़ताल की जाएगी। इसी साल जुलाई में राज्य कर आयुक्त डा. नितिन बंसल ने वर्षों से सचल दल इकाईयों में तैनात राज्य कर अधिकारियों को हटा दिया था। सहायक आयुक्त और उससे ऊंचे पदों के अधिकारियों के स्थानांतरण शासन स्तर से लंबित चल रहे हैं। राज्य कर आयुक्त डा. नितिन बंसल का कहना है कि प्रोन्नत हुए सहायक आयुक्तों की तैनाती का प्रकरण शासन स्तर पर लंबित है। उनके स्तर पर राज्य कर अधिकारियों के ही स्थानांतरण के अधिकार हैं।