ट्रेनों में बर्थ कंफर्म होने का अब ज्यादा चांस, लागू हो रहा नया सिस्टम; कम हो जाएगी वेटिंग
- ट्रेनों में 22 की जगह 24 कोच लगने लगेंगे। सेंट्रल रेलवे ने सबसे पहले यह व्यवस्था लागू की है और ऐसी 10 ट्रेनों की सूची जारी की है जिसमें दो कोच बढ़ाए जा रहे हैं। अब जल्द ही पूर्वोत्तर रेलवे भी अपनी यहां से जाने वाली महत्वपूर्ण ट्रेनों में कोच की संख्या बढ़ाएगा।
Railway News: रेलवे ने बड़ी पहल करते हुए एलएचबी ट्रेनों में दो कोच स्थाई रूप से बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके बाद ट्रेनों में 22 की जगह 24 कोच लगने लगेंगे। सेंट्रल रेलवे ने सबसे पहले यह व्यवस्था लागू की है और ऐसी 10 ट्रेनों की सूची जारी की है जिसमें दो कोच बढ़ाए जा रहे हैं। उस सूची में गोरखपुर से एलटीटी तक जाने वाली (20104) एलटीटी सुपरफास्ट ट्रेन भी शामिल है। अब जल्द ही पूर्वोत्तर रेलवे भी अपनी यहां से जाने वाली महत्वपूर्ण ट्रेनों में कोच की संख्या बढ़ाएगा।
बोर्ड की ओर से जारी आदेश के क्रम में अतिरिक्त कोच को स्थाई तौर पर जोड़ा जाएगा। इससे यात्रियों को सुविधा तो मिलेगी ही, रेलवे की अतिरिक्त कमाई भी होगी। रेलवे बोर्ड ने कुछ महीने पहले ही देश सभी 17 जोन से गुजरने वाली मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों में 22 की जगह 24 कोच जोड़ने के संबंध में जानकारी ली थी। कई दिनों के मंथन के बाद ट्रेनों में कोच की संख्या बढ़ाने पर सहमति बन गई है। लेकिन इससे पहले कुछ बुनियादी जरूरतों को भी पूरा करने का सुझाव दिया गया।
रेलवे अफसरों ने बताया कि त्योहारी सीजन के अलावा सालभर जिन ट्रेनों में ज्यादा भीड़ रहती है, सबसे पहले उन्हीं ट्रेनों में कोचों की संख्या बढ़ाई जाएगी। ट्रेनों में कोच बढ़ाए जाने से त्योहारी सीजन और वीकेंड पर यात्रियों को राहत मिलेगी।
एक ट्रेन में 160 यात्रियों को मिलेगा लाभ
ट्रेनों में जिस भी श्रेणी के कोच बढ़ाए जाएंगे उस श्रेणी के 160 यात्रियों को सीधा फायदा होगा। अगर वातानुकूलित तृतीय श्रेणी के दो कोच बढ़ाए गए तो वेटिंग लगभग खत्म हो जाएगी। एसी थर्ड में अमूमन 60 से 70 तक वेटिंग जाती है जबकि स्लीपर में 100 के ऊपर। ऐसे में दो कोच लग जाने से यात्रियों को काफी सहूलियत होगी।
क्या बोले सीपीआरओ
सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने कहा कि ट्रेन संख्या 20103/20104 को 24 एलएचबी कोच का रेक बनाने के लिए फिजिबिलिटी जांच के लिए कहा गया है। 24 एलएचबी कोच का रेक चलाने के लिए कई तकनीकि पहलू देखे जाते हैं। यदि यह प्रस्ताव उपयुक्त पाया गया तो आगे की कार्यवाही की जाएगी।