जेट वाले नरेश गोयल के नाम पर अब लखनऊ में NRI बहनें डिजिटल अरेस्ट, दो घटनाओं से खलबली
वाराणसी के बाद अब लखनऊ में जेट वाले नरेश गोयल के नाम पर डिजिटल अरेस्ट कर साइबर ठगी की गई है। यही नहीं, लखनऊ में डिजिटल अरेस्ट की दो घटनाओं का मामला सामने आया है। दोनों घटनाओं में तीन करोड़ रुपए ठगे गए हैं।
वाराणसी के बाद अब लखनऊ में जेट वाले नरेश गोयल के नाम पर डिजिटल अरेस्ट कर साइबर ठगी की गई है। यही नहीं, लखनऊ में डिजिटल अरेस्ट की दो घटनाओं का मामला सामने आया है। दोनों घटनाओं में तीन करोड़ रुपए ठगे गए हैं। पहली घटना में साइबर जालसाजों ने इंदिरानगर निवासी बुजुर्ग एनआरआई सुमन कक्कड़ (70 वर्ष) और उनकी बहन को दो दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर 1,87,97,047 रुपये ठग लिए। उन्हें जेट एयरलाइंस के मालिक नरेश गोयल मनी लांड्रिंग केस और आतंकियों के खाते में क्रेडिट कार्ड से ट्रांजेक्शन के नाम पर धमकाया।
दोनों बहनों को आजीवन कारावास की सजा का हवाला देते हुए पैसे ट्रांसफर करवा लिए। दोनों बहनों ने बैंक खातों से और एफडी तुड़वाकर रुपये ट्रांसफर कर दिए। उधर, ऐशबाग निवासी सेवानिवृत्त बैंक अफसर प्रभात कुमार श्रीवास्तव को मनी लांड्रिंग केस में फंसाने की धमकी देकर 1.02 करोड़ रुपये ठग लिए। इन्हें तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया। साइबर थाने में दोनों मुकदमे दर्ज कर लिए गए हैं।
साइबर क्राइम थाना इंस्पेक्टर ब्रजेश कुमार यादव के मुताबिक सुमन कक्कड़ इंदिरानगर के हलवासिया उत्सव एन्क्लेव में रहती हैं। इनकी छोटी बहन विनय थपलियाल का भी इसी अपार्टमेंट में फ्लैट है। दोनों के पास कनाडा की नागरिकता है और इन दिनों यहां आई हैं। दोनों के बच्चे कनाडा में ही हैं।
सुमन के मुताबिक 25 नवंबर की सुबह करीब 10 बजे उनके व्हाट्सऐप पर वीडियो कॉल आई। फोन करने वाले ने बताया कि वह मुंबई क्राइम ब्रांच से अभिषेक चौहान बोल रहा है और आपके क्रेडिट कार्ड से 1,13,126 रुपये जेट एयरलाइंस के मालिक नरेश गोयल के खाते में ट्रांसफर हुए हैं।
नरेश गोयल के खिलाफ मनी लांड्रिंग केस में जांच चल रही है। आप भी उसमें आरोपित हैं। इन रुपये का प्रयोग आतंकी गतिविधियों में हुआ है। आपको इस जुर्म में उम्रकैद तक की सजा हो सकती है। इस संबंध में जांच की जाएगी। जांच पूरी होने तक आपको किसी से कोई संपर्क नहीं करना है। लगातार फोन पर बनी रहिए। अभिषेक वीडियो कॉल से बातचीत करता रहा।
इसी बीच छोटी बहन विनय थपलियाल ने दरवाजा खटखटाया। वह खाना खाने के लिए बड़ी बहन के फ्लैट पर आई थीं। दरवाजे खटखटाए जाने पर कथित अभिषेक ने पूछा कि यह कौन है। जानकारी देने पर उसने कहा कि इन्हें कुछ मत बताना। जाकर खाना दे दो फिर कमरे में आ जाओ फोन मत काटना। बहन को खाना देकर सुमन फिर वीडियो कॉल पर आ गईं। कुछ देर बाद खाना खाकर बहन भी कमरे में अचानक आ गईं। अभिषेक ने उनका नाम पूछा। नाम बताने पर कहा कि आपकी रिश्तेदार हैं, इसलिए इनको भी अरेस्ट किया जाएगा। मामले में विनय थपलियाल का भी नाम है। इसके साथ बहन को भी डिजिटल अरेस्ट कर लिया।
सुमन ने बताया कि वह बहुत घबरा गई थीं। इस बीच, जालसाज ने बैंक खातों का विवरण ले लिया। कहा कि जांच के दौरान जो भी कहा जाए, वह करती रहिए। आप दोनों के बैंक खातों और एफडी में जो रुपये हैं, उनकी जानकारी ली जाएगी। ट्रांसफर भी कराया जाएगा। जांच पूरी होने पर सारे रुपये आपको वापस कर दिए जाएंगे। ऑनलाइन ट्रांजेक्शन से जालसाज ने 28 नवंबर तक 10 से अधिक खातों में 1,87,97047 रुपये ट्रांसफर करा लिए।
चार राज्यों में ट्रांसफर हुआ पैसा, 25 लाख रुपये फ्रीज कराए
इंस्पेक्टर ब्रजेश कुमार यादव के मुताबिक सुमन और उनकी बहन द्वारा जालसाजों के खातों में ट्रांसफर की गई रकम में से 25 लाख रुपये फ्रीज करा दिए गए हैं। तफ्तीश में पता चला कि रुपये चार राज्यों के कई खातों में ट्रांसफर हुए हैं। बैंक खातों के विवरण और मोबाइल नंबर के आधार पर जालसाजों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।
सेवानिवृत्त बैंक अफसर भी आ गए झांसे में
इसी तरह साइबर जालसाजों ने ऐशबाग तिलकनगर निवासी सेवानिवृत्त बैंक मैनेजर प्रभात कुमार को भी झांसे में ले लिया और तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर घर में रखा। उनके बैंक खातों से और एफडी तुड़वाकर एक करोड़ दो लाख रुपये ठग लिए। प्रभात श्रीवास्तव ने बताया कि वह भी घर पर अकेले रहते हैं। दोनों बेटे बाहर नौकरी करते हैं।
सीबीआई अफसर बनकर ठगा
26 नवंबर को उनके पास वीडियो कॉल आयी। फोन करने वाले ने बताया कि वह सीबीआई अफसर अजय कुमार बंसल है। उसने कहा कि मनी लांड्रिंग केस में आपके आधार कार्ड का प्रयोग हुआ है। इसलिए हमें आपके बैंक खातों की गोपनीय जांच करनी है। जांच पूरी होने तक आपको डिजिटल अरेस्ट किया जा रहा है। किसी से आपने अगर कुछ बताया तो ठीक नहीं होगा। जो जानकारी मांगी जा रही है, उसे दीजिए। जालसाज ने बैंक खातों और एफडी की डिटेल ली।
इसके बाद दो बैंक खातों में 29 नवंबर तक तीन दिन में एक करोड़ दो लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए। फिर फोन काटते हुए कहा कि हम जांच पूरी कर आपको बताते हैं। दो घंटे तक जालसाजों का फोन नहीं आया। पलट कर फोन किया तो लगा ही नहीं। इसके बाद बेटे को जानकारी दी। पता चला कि जालसाजों ने ठगी की है। फिर साइबर थाने में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया।