महाकुंभ में खुले में शौच पर NGT सख्त, यूपी सरकार को नोटिस जारी कर मांगा जवाब
- महाकुंभ में खुले में शौच करने के मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने सख्ती दिखाई है। एनजीटी की मुख्य पीठ ने महाकुंभ मेले में शौचालय सुविधा की कमी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका पर यूपी सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
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महाकुंभ में खुले में शौच करने के मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने सख्ती दिखाई है। एनजीटी की मुख्य पीठ ने महाकुंभ मेले में शौचालय सुविधा की कमी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका पर यूपी सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इसके अलावा प्रयागराज मेला प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भ नोटिस जारी किया जा चुका है।
महाकुंभ में खुले में शौच को लेकर निपुण भूषण की ओर से एक याचिका दायर की गई थी। दायर याचिका में कहा गया है कि स्थानीय अधिकारियों द्वारा दावा किया गया कि उन्होंने मल मूत्र समेत सभी गंदगी को साफ करने के लिए अत्याधुनिक बायो-टॉयलेट्स लगाए हैं, लेकिन इन सुविधाओं की कमी या साफ-सफाई की कमी की वजह से ज्यादतर लोग गंगा नदी के किनारे खुले में शौच करने के लिए मजबूर हैं। याचिका में आरोप लगाया गया है कि लाखों आम लोग और परिवार पर्याप्त सुविधाओं के अभाव में गंगा नदी के किनारे खुले में शौच करने को मजबूर हैं।
आवेदन में दी गई दलील के समर्थन में आवेदक ने नदी में खुले में शौच करने के वीडियो क्लिप युक्त पेनड्राइव भी अटैच की है। बतादें कि हाल ही में, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण की मुख्य पीठ के समक्ष रिपोर्ट दाखिल की, जिसमें चल रहे महाकुंभ मेले के दौरान प्रयागराज (यूपी) में नदी के पानी की गुणवत्ता के बारे में चिंताजनक निष्कर्ष सामने आए हैं।
रिपोर्ट में बताया गया कि महाकुंभ के दौरान देश भर से लोग जहां डुबकी लगा रहे हैं, वहां नदी के पानी की जांच में फेकल कोलीफॉर्म (मानव या पशुओं के मल का मिश्रण) का उच्च स्तर पाया गया। एनजीटी अब इस मामले की सुनवाई 24 फरवरी को करेगा। इस दिन यूपी सरकार, प्रयागराज मेला प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश नियंत्रण बोर्ड को अपना पक्ष रखना होगा।