टिड्डी दल को भगाने के लिए बर्तन से करें शोर: पवन विश्वकर्मा
जस्थान और पंजाब के सीमा से लगे हिन्दुतान के पश्चिमी सरहदो गांव में हो रहे टिड्डी दल के भयंकर प्रकोप को देखते हुए जिला कृषि रक्षा अधिकारी पवन कुमार विश्वकर्मा ने किसानो को जागरूक किया...
राजस्थान और पंजाब के सीमा से लगे हिन्दुतान के पश्चिमी सरहदो गांव में हो रहे टिड्डी दल के भयंकर प्रकोप को देखते हुए जिला कृषि रक्षा अधिकारी पवन कुमार विश्वकर्मा ने किसानो को जागरूक किया है। उन्होंने कहा कि किसी भी किसान को टिड्डी दल दिखाई दे तो इसकी सूचना तत्काल कृषि विभाग को दे। ताकि टिड्डी दल से फसलों को बचाने का उपाए किया जा सके।
उन्होंने किसानों को जानकारी दी है कि बर्तनों के शौर से टिड्डी दल को भगाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि कीट की निगरानी हेतु कृषि विभाग के सभी ग्राम/विकास खंड स्तरीय कर्मचारियों की टिड्डी नियंत्रण हेतु ड्यूटी लगाई गई है। यदि कहीं पर टिड्डी की संख्या समूह के रूप में दिखाई दे तो तत्काल न्यायपंचात स्तर के प्राविधिक सहायक/एटीएम,बीटीएम या संबंधित विकास खंड के सहायक विकास अधिकारी (कृषि रक्षा/कृषि) को सूचित करें।
उन्होंने बताया कि टिड्डी को भगाने के लिए शोर करके(बर्तन एवं अन्य ध्वनि यंत्रों से) उनकों फसलों से दूर रखें। सामान्यत टिट्डी द्वारा दिन में खाने और रात्रि में अंडे देने की प्रवृत्ति होती है। यदि किसान किसी क्षेत्र में विशेष रूप से टिट्डी दल रात्रि में रूकते है तो किसान प्रात: ही उस क्षेत्र को जोत कर कीटनाशक (मैलाथियान 50 प्रतिशत की 1.5 लीटर प्रति हैक्टे., क्लारोपाइरीफॉस 20 प्रतिशत की 2 लीटर प्रति हैक्टे., डाईक्लोरोवॉस 75 प्रतिशत की 500 मिली. प्रति हैक्टे. अथवा बयूवेरिया बेसियाना की 2.5 किग्रा. प्रति हैक्टे. उक्त रसायनों का 600-700 लीटर पानी में घोलकर) स्प्रै कर अंडो को नष्ट किया जा सकता है। जिससे उनकी अगली पीढी तैयार न हो पाए।
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