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करोड़ों की शत्रु संपति बेचने में तहसील में हुआ बड़ा खेल, आडियो वायरल

Muzaffar-nagar News - -तहसील के अधिकारी, कर्मचारी व सत्ताधारी पार्टी के नेताओं के संरक्षण में खेला गया खेल महत्वपूर्ण..करोड़ों की शत्रु संपति बेचने में तहसील में हुआ बड़ा

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फर नगरMon, 16 Sep 2024 09:06 PM
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खतौली में करोड़ों की शत्रु संपति बेचने में सत्ताधारी पार्टी के नेताओं के अलावा तहसील के अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा बड़ा खेल करने का मामला प्रकाश में आया है। इस मामले का खुलासा सोशल मीडिया पर हुई आडियो वायरल से हुआ है। हालांकि पुलिस ने तहसीलदार की तहरीर पर इस मामले में दो लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच कर वायरल आडियो की भी जांच शुरू कर दी है। उधर जब से सोशल मीडिया पर ओडियो वायरल हुआ है तब से तहसील हड़कंप मचा हुआ है।

तहसील खतौली क्षेत्र में भू-माफियाओं का राज चलता है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले दिनों इन भू-माफियाओं ने सरकार की उस संपति को बेच दिया जो छह साल पहले एक एसडीएम ने शत्रु संपति घोषित कर दिया था। सरकारी जमीन बेचे जाने के बाद नगर में चर्चा शुरू हुई तो खुलासे शुरू हो गए। बताया गया है कि खतौली अरबन में गंगनहर के समीप करीब दो बीघा जमीन जो शत्रु संपति है उसको भू-माफियाओं ने करोडों में बेच दिया है। जिस जमीन को बेचा गया है उसकी मालिक करीब 70 साल पहले बंटवारे के दौरान पाकिस्तान चली गई थी जिसका कुछ दिन बाद वहीं पर निधन हो गया था। खाली पड़ी जमीन पर भू-माफियाओं की नजर पड़ी तो उन्होने खेल शुरू कर दिया। इस संबंध में एसडीएम मोनालिस जौहरी का कहना है कि आडियो वायरल होने की जानकारी मिली है, इसकी जांच कराई जा रही है। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जाएगी।

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वर्ष 2023 में नगर पालिका से मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर वारिसान बता बेच दिया जमीन

वर्ष 2023 में मृतक मालिक का पहले तो नगर पालिका से मृत्यू प्रमाण पत्र बनवाया गया , उसके बाद एक नेता के चालक को उसका वारिसान बनाकर जमीन को शेरनगर निवासी युवक को बेच दिया गया। बताया गया है कि 2024 में एक ही दिन में जमीन के छह बैनामे किए गए। बड़ा सवाल यह है कि जिस संपति को एसडीएम ने शत्रु संपति घोषित कर दिया उसकी पहले तत्कालीन लेखपाल ने जांच की होगी उसके बाद ही एसडीएम ने रिपोर्ट लगाई। जिस लेखपाल ने रिपोर्ट दी उसी ने नेता के साथ मिलकर खेल कर दिया। तहसील का ऐसा कोई अधिकारी कर्मचारी नहीं होगा जो इस जमीन के बारे में न जानता हो। प्रकरण लखनऊ पहुंचा तो तहसील अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है।

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