बांदा जेल में अब भी 6 कैमरों से मुख्तार अंसारी की बैरक की निगरानी, नहीं रखा गया दूसरा कोई बंदी
- मुख्तार अंसारी को 7 अप्रैल 2021 को बांदा लाया गया था। इसके बाद बांदा मंडल कारागार की सुरक्षा और बढ़ा दी गई थी। हाई सिक्योरिटी जेल में अलग से डेढ़ सेक्शन PAC के साथ चप्पे-चप्पे पर निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे।
Mukhtar Ansari News: यूपी के माफिया डॉन और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के अंत को पांच महीने से अधिक का समय बीत चुका है लेकिन उसकी तन्हाई बैरक की निगरानी और सुरक्षा-व्यवस्था आज भी वैसी है। छह सीसीटीवी कैमरों की नजर 24 घंटे बैरक पर तो रहती ही है साथ ही 24 घंटे एक सुरक्षाकर्मी वहां तैनात रहता है। इस बैरक में आज तक किसी अन्य बंदी को नहीं रखा गया है।
पंजाब की रोपड़ जेल से मुख्तार अंसारी को सात अप्रैल 2021 को बांदा लाया गया था। इसके बाद बांदा मंडल कारागार की सुरक्षा और बढ़ा दी गई थी। हाई सिक्योरिटी जेल में अलग से डेढ़ सेक्शन पीएसी के साथ चप्पे-चप्पे पर निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। जिस बैरक में मुख्तार अंसारी को रखा गया उसकी निगरानी के लिए अलग से छह कैमरे लगवाए गए। बैरक में लगे कैमरे सीधे कमांड ऑफिस लखनऊ से कनेक्ट किए गए थे। इसी साल 28 मार्च की शाम दिल का दौरा पड़ने से माफिया मुख्तार का अंत हो गया। मौत पर सवाल उठे तो ज्यूडिशियल और मजिस्ट्रेटी जांच बैठाई गई।
साक्ष्य संकलन के बाद भी इस बैरक में किसी बंदी को नहीं रखा गया बल्कि इसे सील कर उसी तरह निगरानी की जा रही है। दोनों जांचें पूरी होने के साथ ही रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुकी है। जांच पूरी होने के बाद भी बैरक सील है, जिसकी निगरानी के लिए कैमरे अभी भी चालू हैं और जेल अफसर लगातार बैरक पर नजर रख रहे हैं।
क्या बोले जेलर
बांदा मंडल कारागार के जेलर राजेश कुमार मौर्य ने कहा कि मुख्तार अंसारी की मौत की ज्यूडिशियल और मजिस्ट्रेटी जांच के लिए साक्ष्य संकलन के बाद तन्हाई बैरक को सील कराया गया था। तब से बैरक सील है। अब तक बैरक को खोलने के आदेश नहीं हुए हैं। सुरक्षा-व्यवस्था और निगरानी पूर्व की भांति ही है। छह सीसीटीवी कैमरों से बैरक पर नजर रखी जाती है।