Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़More than 39 thousand ASHAs UP showed negligence in work government gave instructions to take action

यूपी में 39 हजार से अधिक आशाओं पर होगी कार्रवाई, शासन ने जारी किए निर्देश

  • यूपी में 39 हजार से अधिक आशा कार्यकत्रियां ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और टीबी जैसे संचारी रोगों की स्क्रीनिंग करने में लापरवाही बरती है। कम्युनिटी बेस्ड असेस्मेंट चेकलिस्ट की रिपोर्ट से यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है।

Dinesh Rathour हिन्दुस्तान, बरेली, वरिष्ठ संवाददाताSun, 27 Oct 2024 07:03 PM
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यूपी में 39 हजार से अधिक आशा कार्यकत्रियां ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और टीबी जैसे संचारी रोगों की स्क्रीनिंग करने में लापरवाही बरती है। कम्युनिटी बेस्ड असेस्मेंट चेकलिस्ट की रिपोर्ट से यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। आशाओं की लापरवाही के चलते प्रदेश के कई जिलों में स्क्रीनिंग का काम पटरी से उतर गया है। शासन ने इस पर नाराजगी जताते हुए स्क्रीनिंग नहीं करने वाली आशाओं के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। प्रदेश में सबसे अधिक जौनपुर जिले में 2358 आशा कार्यकत्रियां लापरवाह मिली हैं।

संचारी लोगों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए कम्युनिटी बेस्ड एसेसमेंट चेकलिस्ट तैयार की जाती है। इसमें आशा कार्यकत्रियां लोगों से स्वास्थ्य से जुड़े कई सवाल पूछती हैं और उनके जवाब के आधार पर बीमारियों के बारे में जानकारी इकट्ठा की जाती है। इसी आधार पर यह निर्धारित किया जाता है कि किस ब्लॉक में कौन से संचारी रोग का प्रकोप बढ़ या घट रहा है। इसके लिए आशाओं को विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया है। लोगों से मिली स्वास्थ्य संबंधी जानकारी को आशा कार्यकत्रियों को सीएबीसी फार्म पर भरना होता है। लेकिन कम्युनिटी बेस्ड एसेसमेंट चेकलिस्ट की समीक्षा में सामने आया है कि प्रदेश के कई जिलों में आशाएं स्क्रीनिंग ही नहीं कर रही है। अप्रैल से सितंबर तक 171676 आशाओं में 39502 आशाओ ने एक भी सीबीएसी फार्म नहीं भरे थे। सबसे खराब हालत जौनपुर जिले की है। यहां सबसे अधिक 2358 आशाएं लापरवाह मिली हैं। प्रतापगढ़ में 1720, गाजीपुर में 1548, कुशीनगर 1475, प्रयागराज में 1309 आशाओं ने सीबीएसी फार्म नहीं भरे थे।

पीलीभीत की आशाओं ने किया बेहतर काम

प्रदेश में पीलीभीत जिले में आशाओं का काम सबसे अच्छा माना गया है। यहां 1403 में सिर्फ 9 आशाएं ऐसी हैं जिन्होंने सीबीएसी फॉर्म नहीं भरा था। वहीं वाराणसी में 19 आशाओं ने सीबीएसी फॉर्म नहीं भरा था। बरेली मंडल की बात करें तो चारों जिलों की हालत बेहतर है। शाहजहांपुर में 2930 में सिर्फ 66, बदायूं में 2825 में महज 192 आशाओं ने स्क्रीनिंग नहीं की है। बरेली में 3335 आशा कार्यकत्रियों में 171 आशाएं ऐसी हैं जिन्होंने कम्युनिटी बेस्ड एसेसमेंट फॉर्म नहीं भरा है।

ब्लॉक स्तर पर सेहत के बारे में मिलती है जानकारी

कम्युनिटी बेस्ड एसेसमेंट फॉर्म से ब्लॉक के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है। पता चलता है कि उस ब्लॉक में किस संचारी रोग का प्रकोप बढ़ या घट रहा है। रक्तचाप, शुगर, टीबी के साथ ही ब्रेस्ट और ओरल कैंसर के शुरुआती लक्षण की भी इसमें जानकारी जुटाई जाती है।

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