Uttar Pradesh Clerical Staff Demands Promotion and Pension Revisions बोले मुरादाबाद : पुरानी पेंशन की बहाली जरूरी प्रोन्नति का किया जाए प्रावधान, Moradabad Hindi News - Hindustan
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बोले मुरादाबाद : पुरानी पेंशन की बहाली जरूरी प्रोन्नति का किया जाए प्रावधान

Moradabad News - उत्तर प्रदेश कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ ने नायब तहसीलदार पदों पर 10 प्रतिशत पदोन्नति, पुरानी पेंशन योजना की बहाली और वेतनमान में समानता की मांग की है। कर्मचारियों ने कहा कि मुरादाबाद कलेक्ट्रेट में 131...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुरादाबादWed, 26 Feb 2025 08:44 PM
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बोले मुरादाबाद : पुरानी पेंशन की बहाली जरूरी प्रोन्नति का किया जाए प्रावधान

उत्तर प्रदेश कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ की मांग है कि लिपिक संवर्ग के कर्मचारियों को नायब तहसीलदार के 10 प्रतिशत पदों से सुसज्जित किया जाए। हमारे अलावा अमीन, लेखपाल, एसएलओ लेखपाल सभी संवर्गों से नायब तहसीलदार पदों पर प्रमोशन होता है। कर्मचारियों ने कहा कि नवीन पेंशन में कोई गारंटी नहीं है। जीवन भर सरकारी सेवा के लिए दिए तो पुरानी पेंशन क्यों नहीं दी जा रही? कलेक्ट्रेट में लेखा कार्य करने वाले कर्मचारियों को लेखा संवर्ग का वेतनमान दिया जाना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि कनिष्ठ सहायक का वेतनमान 2800 रुपये और वरिष्ठ सहायक का वेतनमान 4200 रुपये होना चाहिए। कर्मचारी नेताओं ने बताया कि मुरादाबाद कलेक्ट्रेट में 131 कर्मचारियों के पदों के सापेक्ष सिर्फ 72 लोग काम कर रहे हैं। ऐसे में वे काम के बोझ के तले दबे हैं। पदों को भरा जाना चाहिए, इससे कर्मचारियों पर काम का अतिरिक्त बोझ नहीं रहेगा। कलेक्ट्रेट कर्मचारियों ने कहा कि हम नीचे से पॉलिसी बनाते हैं, सचिवालय वाले चिड़िया बिठा कर आगे बढ़ा देते हैं, फिर भी उनका वेतनमान ज्यादा है। जिलों को भी सचिवालय का दर्जा मिलना चाहिए। नवसृजित जनपदों में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और नवसृजित सृजित तहसीलों में प्रशासनिक अधिकारी के पद सृजित किए जाने चाहिए। भूलेख लिपिक (नामांतरण लिपिक) को पूर्व की तरह कलेक्ट्रेट अधिष्ठान में वापस किया जाना चाहिए। समान कार्य के लिए समान वेतन नहीं दिया जाता। हमें भी सचिवालय के समान बराबर वेतन भत्ते दिए जाने चाहिए। हमें 10 वर्ष में स्केल मिलता है, उन्हें 6 वर्षों में मिलता है, यह कहां का न्याय है? कर्मचारियों ने कहा कि अर्जित अवकाश का लाभ उन्हें नहीं मिलता है। उपार्जित अवकाश में 300 दिनों का ब्लॉक खत्म किया जाना चाहिए। अर्नलीव कैश करने की सुविधा होनी चाहिए, जो पहले थी, अब नहीं है। उनकी यह भी मांग है कि सभी कलेक्ट्रेट व तहसीलों में पद के अनुसार, वातानुकूलित और सुसज्जित किया जाए। प्रशासनिक अधिकारी,वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों को पद की गरिमा के अनुसार सुसज्जित कक्ष और फर्नीचर का इंतजाम किया जाना चाहिए।

वाहन चालक और चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती की जाए: वाहन चालकों और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के पदों पर भर्ती बंद कर दी गई है। जो पूर्व के कर्मचारी हैं, उनकी सेवा काल के बाद इन पदों पर अब कोई नहीं मिलेगा। इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए। कर्मचारियों का कहना है कि कलेक्ट्रेट संवर्ग में स्वीकृत पदों के सापेक्ष शत प्रतिशत भर्ती सुनिश्चित की जानी चाहिए। आउटसोर्सिंग और संविदा के आधार पर की जा रही भर्ती को रोका जाना चाहिए। अतिरिक्त कार्यों के निर्वहन में कार्यालय अवधि के अलावा कार्य करवाने पर ओवरटाइम की व्यवस्था की जानी चाहिए। कर्मचारियों का कहना है कि संविदा आउटसोर्सिंग की अपेक्षा मूल तैनाती वाले कर्मचारी ज्यादा जिम्मेदारी से अपने दायित्व का निर्वाह करते हैं। इससे कार्यों में गड़बड़ी की आशंका नहीं रहती है। इस व्यवस्था पर विचार किया जाना चाहिए।

कोरोना काल के 16 माह का अवशेष महंगाई भत्ता मिले: कलेक्ट्रेट कर्मचारियों ने बताया कि द्विभाषीय प्रोत्साहन भत्ता, कंप्यूटर संचालन के लिए प्रोत्साहन भत्ता, स्वैच्छिक परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत प्रोत्साहन भत्ता न्यूनतम 100 रुपये किया जाना चाहिए। इसे बहाल करने की प्रक्रिया शुरू की जाए। साथ ही कोरोना काल के 16 माह का अवशेष महंगाई भत्ता भी दिया जाना चाहिए। विभागीय सेवा नियमावली के श्रेणी घ के पदों का पदनाम अनुभाग अधिकारी करते हुए ग्रेड वेतन उच्चीकृत किया जाए।

सुधाकर हैं कलेक्ट्रेट कर्मचारियों के आदर्श

मुरादाबाद। कलेक्ट्रेट परिसर में जिलाधिकारी कार्यालय की बैक साइड में कलेक्ट्रेट कर्मचारी नेता सुधाकर शर्मा की प्रतिमा लगी है। वह आज भी कलेक्ट्रेट कर्मचारियों के लिए आदर्श है। उन्होंने कर्मचारियों के लिए लंबी जंग लड़ी। प्रांतीय महामंत्री रहते हुए सुधाकर शर्मा लखनऊ में धरने पर बैठे और 32 दिन की हड़ताल खत्म की अफवाह किसी ने फैला कर आंदोलन विफल करने की कोशिश की। आंदोलन के दौरान सुधाकर शर्मा शहीद हो गए थे। वह पदोन्नति,समेत समान वेतनमान और कई मुद्दों पर आंदोलन की अगुवाई कर रहे थे। तब से 22 जनवरी को उनकी पुण्य तिथि मनाई जाती है। सुधाकर शर्मा को कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ के नेता अपना आदर्श मानते हैं।

सामूहिक बीमा की धनराशि 10 लाख रुपये की जानी चाहिए

सामूहिक बीमा की धनराशि 10 लाख रुपये की जानी चाहिए। निर्वाचन प्रक्रिया संपन्न करवाने में तैनात कलेक्ट्रेट कर्मचारियों का बीमा करवाया जाए। पूर्व की भांति उनको एक माह का वेतन दिया जाए। स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति चाहने वाले कर्मचारियों को सेवायोजन प्रदान किया जाए। चिकित्सापूर्ति के रूप में मिलने वाली धनराशि को आयकर आंगणन में सम्मिलित किया जाए। केंद्र की भांति दो बच्चों तक उच्च शिक्षा का भत्ता दिए जाने की मांग भी कलेक्ट्रेट कर्मचारियों ने की है।

जनपद मुख्यालयों को जिला सचिवालय का दर्जा मांग रहे कर्मचारी

मुरादाबाद। कलेक्ट्रेट कर्मचारियों ने बताया कि जनपद मुख्यालयों को जिला सचिवालय का दर्जा मांगते-मांगते थक गए हैं। मुरादाबाद कलेक्ट्रेट में 131 पदों के सापेक्ष महज 72 कर्मचारी काम का जिम्मा संभाल रहे हैं। कर्मचारियों ने कहा कि उनकी मांगों को हर बार अनसुना कर दिया जाता है। पद के अनुसार उनके कक्ष और बैठने के स्थान नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कई तरह की असुविधाओं के बीच वे काम करने के लिए मजबूर हैं, लेकिन व्यवस्था में सुधार किया जाना चाहिए। इस सहूलियत मिलेगी।

सुझाव एवं शिकायतें

1. जितने पद जहां भी सृजित हैं, वहां सभी खाली पद भरे जाएं।

2. आउटसोर्सिंग और संविदा पर पदों को भरने की प्रक्रिया बंद हो।

3. अर्नलीव को कैश करने की सुविधा मिले, 300 दिन का बैरियर खत्म हो।

4. कोरोना काल का सोलह माह का अतिरिक्त भत्ता कर्मचारियों को दिया जाए।

5. हमारे संवर्ग से भी नायब तहसीलदार के पदों पर पदोन्नति की व्यवस्था हो।

6. सचिवालय कर्मचारियों की भांति ही हमारा भी वेतनमान निश्चित किया जाए।

1. स्वीकृत पदों के सापेक्ष तैनाती कम है, 40-60का औसत है।

2. सचिवालय के कर्मचारियों से ज्यादा काम, उनसे कम वेतन है।

3. उपार्जित अवकाश में 300 दिनों की बाध्यता का बैरियर परेशान करता है।

4. अतिरिक्त काम करने पर कोई अलग से मेहनताना नहीं दिया जाता है।

5. पदों की गरिमा के अनुसार सुसज्जित कक्ष और बैठने के स्थान नहीं हैं।

6. पुरानी पेंशन बहाल नहीं होने से सेवा के बाद की गारंटी नहीं है। इससे परेशानी हो रही है।

हमारी भी सुनें

कलेक्ट्रेट कर्मचारियों को नायब तहसीलदार पद पर 10 फीसदी पदोन्नति की व्यवस्था होनी चाहिए। अमीन, लेखपाल, एसएलओ सभी संवर्ग में इस तरह की व्यवस्था की गई है, फिर यहां क्यों नहीं।

- गोपी कृष्ण, पूर्व अध्यक्ष

सचिवालय के कर्मचारियों की तरह हमारा वेतनमान होना चाहिए। हम सभी उसी तरह काम करते हैं, फिर भेदभाव क्यों किया जाता है? हमारे स्केल की अवधि को 10 से 6 वर्ष होना चाहिए।

-अनुराग गुप्ता, अध्यक्ष

समान वेतन सिद्धांत में हम कलेक्ट्रेट कर्मचारियों का वेतन सचिवालय के कर्मचारियों की भांति करें। जिले पर जिला सचिवालय नाम किया जाए। साथ ही सभी पदों को भरना सुनिश्चित किया जाए।

अभिषेक सिंह, महामंत्री

उपार्जित अवकाश 300 दिनों में संचित करने की व्यवस्था को खत्म करते हुए पूर्व की भांति उपार्जित अवकाश लेखा तैयार करने और भुगतान की व्यवस्था को कर्मचारियों के हित में सुनिश्चित करें।

-श्रवण कुमार

जिन पदों पर भर्तियां रोक दी गईं, उन्हें शुरू किया जाएं। इसके साथ ही पदों के अनुसार कलेक्ट्रेट कर्मचारियों को सुविधाएं मिले। पे स्केल पर ध्यान दिया जाए। दो बच्चों की शिक्षा का भत्ता मिले।

-नावेद सिद्दीकी

नवीन पेंशन योजना को खत्म कर पुरानी पेंशन योजना बहाल की जानी चाहिए। कर्मचारी पूरी जिंदगी सेवा में बिताता है, उसे अंत में अपने लिए कुछ गारंटी होनी चाहिए। इस पर विचार किया जाए।

-सुरेंद्र शर्मा

कलेक्ट्रेट कर्मचारियों के वेतनमान को बेहतर किया जाए। पुरानी पेंशन फिर से लागू की जाए। नवीन पेंशन योजना कर्मचारियों के लिए ठीक नहीं है। हर किसी को रिटायरमेंट के बाद गारंटी चाहिए।

-मोनिका

कनिष्ठ सहायक का वेतनमान 2800 रुपये किया जाना चाहिए और वरिष्ठ सहायक का ग्रेड पे इसी तरह बढ़ाना चाहिए। वेतन विसंगति को दूर करने की जरूरत है। इससे कर्मचारियों को फायदा मिलेगा।

-अंकित चतुर्वेदी

सबसे बड़ी मांग हम कर्मचारियों की समान वेतनमान की है। सचिवालय के समान वेतन मिले, इसके अलावा पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल किया जाना चाहिए। नवीन पेंशन योजना हित में नहीं है।

-अतुल अग्रवाल

समान कार्य के लिए समान वेतन की व्यवस्था लागू होनी चाहिए। कलेक्ट्रेट कर्मचारी पूरी क्षमता से काम करते हैं। पुरानी पेंशन की व्यवस्था को बहाल किया जाना कर्मचारियों के हित में होगा।

-रामराज

कलेक्ट्रेट कर्मचारियों के सभी पदों को भरा जाना चाहिए। स्टाफ की कमी है, वेतन विसंगति को दूर किया जाना चाहिए। सामूहिक बीमा योजना की धनराशि 10 लाख रुपये की जाए।

-अनिल सैनी

जिन पदों पर पदोन्नति नहीं हो रही, उसे किया जाए। इसके साथ ही पे स्केल रिवाइज होना चाहिए। कर्मचारियों को नवीन नहीं, पुरानी पेंशन की जरूरत है। उस व्यवस्था को बहाल किया जाए।

-गेंदनलाल

उपार्जित अवकाश में 300 दिनों की बाध्यता खत्म की जानी चाहिए, जिससे कर्मचारियों को इसका लाभ मिल सके। वर्तमान में इस बैरियर से कलेक्ट्रेट कर्मचारियों को नुकसान होता है।

-मोहम्मद शबी

कलेक्ट्रेट कर्मचारियों को सुविधाएं मिले। लिपिक सेवा संवर्ग नियमावली को पूर्व की भांति लागू किया जाना चाहिए। पदोन्नति प्रक्रिया को समय से संपादित किया जाए, इससे कर्मचारियों में प्रसन्नता होगी।

-कुलदीप कुमार 

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