सेंट्रल मार्केट मामला : 499 आवासीय प्लॉट की रिपोर्ट तलब, फैसला सुरक्षित
शास्त्रीनगर में सेंट्रल मार्केट का मामला फिर से सुप्रीम कोर्ट में आया है। आवासीय कॉलोनी में व्यावसायिक उपयोग के मुद्दे पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने आवास विकास से 499 प्लॉट की स्थिति पर रिपोर्ट मांगी है।...
शास्त्रीनगर में बने सेंट्रल मार्केट का मामला एक बार फिर उठ गया है। आवासीय कॉलोनी के लिए आवंटित प्लॉट में सेंट्रल मार्केट में व्यावसायिक उपयोग के मामले को सुप्रीम कोर्ट ने गंभीरता से लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने आवास विकास से 499 आवासीय प्लॉट के स्टेट्स पर रिपोर्ट तलब की है। मामले में बहस पूरी हो गई है। फैसला रिजर्व रखा गया है। मंगलवार को 10 साल पुराने मामले में सुप्रीम कोर्ट में महत्वपूर्ण सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच में जस्टिस जे.बी.परदीवाला एवं जस्टिस आर माधवन की बेंच में मामले की सुनवाई हुई। बेंच ने सख्त रुख अपनाते हुए आवासीय संपत्ति के कामर्शियल उपयोग पर नाराजगी जताई। बेंच ने कहा कि जहां यह प्लाट स्थित है, वहां 500 प्लॉट एक साथ आवंटित किए गए थे। उन्होंने अन्य 499 प्लॉट की वर्तमान स्थिति पर आवास विकास से रिपोर्ट तलब कर ली है। आवास विकास द्वारा विकसित कॉलोनी शास्त्रीनगर में आवासीय संपत्ति का कॉमर्शियल उपयोग के मामले को अब सुप्रीम कोर्ट ने गंभीरता से लिया है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता संचित गर्ग ने बताया कि अदालत ने यह भी कहा कि यदि किसी तथ्य को आवास विकास द्वारा छुपाया गया तो उसकी रिपोर्ट मंगाई जाएगी।
फिर लटकी ध्वस्तीकरण की तलवार
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ व्यापारियों की याचिका में मंगलवार को हुई सुनवाई के बाद शास्त्रीनगर योजना में भू उपयोग परिवर्तन कर बनाए गए सेंट्रल मार्केट पर एक बार ध्वस्तीकरण की तलवार लटक गई है।
2013 में उठा था मामला
2013 में जब सेंट्रल मार्केट अवैध होने का समाचार प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया गया था तब आवास एवं विकास परिषद हरकत में आया तो व्यापारियों में हड़कंप मच गया था। इस मामले में हाईकोर्ट में रिट दायर की गई और वहां से कार्रवाई के निर्देश मिलने पर आवास विकास परिषद ने कार्रवाई शुरू की थी। इस पर प्लाट संख्या 661-6 में बनी दो दुकानों के मालिक किशोर वाधवा और विनोद कुमार सुप्रीम कोर्ट चले गए और वहां से स्टे ले आए। इसके साथ ही जब आवास एवं विकास परिषद ने पुलिस प्रशासन के साथ कार्रवाई को अंजाम देना चाहा तो व्यापारियों के दबाव में कार्रवाई नहीं हुई और तब मामला ठंडे बस्ते में चला गया था। तब 2014 से यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। अब यह फैसले पर आ गया है।
सुप्रीम कोर्ट पर है भरोसा
सेंट्रल मार्केट के व्यापारियों को सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है। निश्चित तौर से सुप्रीम कोर्ट व्यापारियों के हित में फैसला करेगा। आवास विकास से रिपोर्ट मांगी गई है
-किशोर वाधवा, व्यापारी नेता, सेंट्रल मार्केट शास्त्रीनगर
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे। बुधवार से उन सभी आवासीय प्लॉट का सर्वे शुरू कराया जाएगा, जिनमें व्यावसायिक गतिविधियां चल रही है। पूरी रिपोर्ट तैयार कर निर्धारित समय के अंदर सुप्रीम कोर्ट में 499 प्लॉट की रिपोर्ट दाखिल की जाएगी
-आफताब अहमद,एक्सईएन, आवास विकास परिषद।
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