लोकतंत्र बचाने का काम नेताओं का नहीं, समाज का: उदित राज
दलित, ओबीसी, अल्पसंख्यक एवं आदिवासी संगठनों का परिसंघ ने चैंबर ऑफ कॉमर्स में 'सामाजिक न्याय सम्मेलन' का आयोजन किया। मुख्य अतिथि डा. उदित राज ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए समाज के लोगों की एकता पर जोर...
दलित, ओबीसी,अल्पसंख्यक एवं आदिवासी संगठनों का परिसंघ(डोमा परिसंघ) की ओर से गुरुवार को‘सामाजिक न्याय सम्मेलनका आयोजन चैंबर ऑफ कॉमर्स में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय अध्यक्ष/पूर्व सांसद डा.उदित राज रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय महासचिव शाहिद अली (एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट) और संचालन पार्षद फजल करीम ने किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा.उदित राज ने कहा कि लोकतंत्र बचाने का काम सिर्फ़ नेताओं का नहीं है, बल्कि समाज के लोगों का भी है।वक्फ और आईन (संविधान) बचाने के लिए एकता का मुज़ाहरा करते हुए संयुक्त रूप से लड़ाई लड़नी होगी। कोई पार्टी आपकी आवाज़ नहीं उठाएगी, क्योंकि उन्हें हारने का डर है। ऐसे में होशियारी से काम करने की जरूरत है। उन्होंने जातीय जनगणना की मांग करते हुए कहा कि इस मांग को लेकर मिलकर कोशिश करनी होगी। शाहिद अली एडवोकेट ने कहा कि बाबा साहब के बनाए हुए संविधान में बराबरी के अधिकार को सरकार समाप्त करने में लगी हुई है। आफताब अली ने कहा कि वक्फ में संशोधन एक खतरनाक कदम है। इस से पहले भी वक्फ पर हमले हुए हैं। इस अवसर पर कार्यक्रम के संयोजक शफीक अंसारी, पार्षद फजल करीब, बदर आलम, मंजीत सिंह कोछड़, सुमेर सिंह धार, इमरान अंसारी, सुलतान अहमद पत्रकार,शकील मलिक, महबूब राणा, प्रवीन जैन, सरदार गुरविंद्र सिंह आदि ने विचार रखे।
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