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जो तन के साथ मन को ना रंगे होली नहीं होती ...

मेरठ। कार्यालय संवाददाता होली के अवसर पर रविवार को आपके अपने प्रिय अखबार हिन्दुस्तान...

Newswrap हिन्दुस्तान, मेरठSun, 28 March 2021 09:32 PM
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मेरठ। कार्यालय संवाददाता

होली के अवसर पर रविवार को आपके अपने प्रिय अखबार हिन्दुस्तान की ओर से ऑनलाइन 'हिन्दुस्तान संग होली' कार्यक्रम के तहत कवि सम्मेलन हुआ। इसमें मेरठ ही नहीं बिजनौर, दिल्ली, बड़ोदरा आदि इलाकों से भी कवि व शायरों ने भाग लिया। एक से बढ़कर एक कविता का पाठ हुआ तो होली का आनंद उफान पर आ गया। दिल दिमाग में होली की खुमारी ने मदहोश कर दिया।

विश्वविख्यात शायर व कवि डॉ पापुलर मेरठी ने 'हुस्न के खुब दिखाती है नजारे होली, क्यों न जज्बात मोहब्बत के ऊ्भारे होली, आज के रोज़ किसी को भी शिकायत ना हुई, मैंने देखा जिसे वो साथ हमारे होली ... से सभी को होली के रंग में रंग दिया। गीतकार मनोज कुमार मनोज ने 'बिना दुल्हिन कहारो से कभी डोली नहीं होती, जो पत्धर को न पिघला दे तो वो बोली नहीं होती, हजारों गीत गा लेना, हजारों रंग भर लेना, जो तन के साथ मन को ना रंगे होली नहीं होती ... से समा बांधा।

राजन स्वामी ने होली पर कोरोना के साए कटाक्ष करते हुए कहा कि 'सहमे हुए शहर में त्यौहार क्या बनाएं, चेहरे नकाब में हैं हम रंग क्या लगाएं, सांसो में किसकी जाने आफत भूली हुई हो अब किसको घर बुलाएं कैसे गले लगाएं ... से तालियां बटोरी। सुमनेश सुमन ने 'मेरा अरमान रह जाए, वतन की शान रह जाए, जमाने में मेरी गंगाजली पहचान रह जाए सुनाया। सत्यपाल सत्यम ने 'नदिया उमड़ पड़ी कहीं से शबाब की, गली-गली आने लगी खुशबू गुलाब की ... से सभी का ध्यान खींचा। संचालन करते हुए डा रामगोपाल भारतीय ने 'छलके है जब फागुन में तेरे पांव की पायल, आते हैं पूछकर तेरी जुल्फों से ही बादल ... से सभी को झूमने पर विवश कर दिया।

अध्यक्षता कृष्ण कुमार बेदिल ने की। उन्होंने 'मनाओ भाई चारा एकता सद्भाव की होली, ये है त्योहार रंगों का ये रंगोली मुबारक हो ... सुनाया। डॉ ईश्वर चंद गंभीर ने 'क्या बुरा है अगर छाया ही आसपास रहे, फूल हों फल हों हमेशा यहां मधुमास रहे ... से ध्यान खींचा। हास्यकवि सुधीर शर्मा अनुपम ने 'अंधेरी रात बुलवाया गया हूं, खिलाता था जिसे रोटी चुराकर ... सभी को गुदगुदाया। सुधाकर आशावादी ने 'रंगों की बौछार में यादों की बरसात, प्रीत में कैसे दिन कटे, बीती कैसे रात ... से होली की मस्ती से वाकिफ कराया। बड़ोदरा से आदर्शनी श्रीवास्तव ने होली पर हुरियारों की मस्ती को 'लाल हरा गहरा हल्का हर रंगत में सबते गोरिया रे ... से बताया।

धामपुर बिजनौर से मीनाक्षी ठाकुर ने 'बहाना मिल गया तुम्हें रंग लगाने का ... होली की खुमारी को कई गुना बढ़ा दिया। दिल्ली से विजय प्रशांत ने 'साली जी ने जब मला, हमको हरा गुलाल, हमने भी हँसते हुये, गाल कर दिये लाल ... से होली पर रिश्तो में हंसी ठिठोली को हास्य व्यंग्य की फुलझड़ियां से बताया।

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