जीवन में किसी को पीड़ा पहुंचायी हो उसके लिए क्षमा
दिगंबर जैन मंदिरों में दस लक्षण पर्व के समापन के बाद क्षमावाणी पर्व मनाया गया। इस अवसर पर सभी ने एक-दूसरे से क्षमा मांगी और अपने जीवन में किसी को दुख पहुंचाने के लिए माफी मांगी। शांतिनाथ दिगंबर जैन...
दिगंबर जैन मंदिरों में हो रहे दस लक्षण पर्व के समापन के बाद गुरुवार को जैन मंदिरों में क्षमावाणी पर्व मनाया गया, इस दौरान जीवन में किसी को भी किसी प्रकार से पीड़ा पहुंचायी हो या फिर किसी का दिल दुखाया हो इसके लिए एक दूसरे से क्षमा मांगी। गुरुवार को शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर असोडा हाउस क्षमावाणी कार्यक्रम बड़े ही भक्ति भाव से मनाया गया। सभी पदाधिकारी और सदस्य, समाज सेविकाएं महिलाएं ने हाथ जोड़कर सबसे क्षमा मांगी। सबको क्षमा सभी से क्षमा पर विधानाचार्य ने पहली क्षमा उन भगवंतों से, जिनकी साक्षी में हमने नरको में कसमें खाई थीं, की नरभव मिलने पे स्व: कल्याण करने की। दूसरी क्षमा उन अरिहंत भगवान से, जिनको पूजा में आवाहन करके हृदय में बसाया पर पंच पाप नहीं छोड़ पाए। तीसरी क्षमा उन संयमी गुरुओं से, जिनके उपदेश को हमने सुना अनसुना किया, असंयम में ही जीवन व्यतीत किया, उनकी विनय में कोई कमी रही हो। चौथी क्षमा उन जिनवाणी मां से, जिनकी वाणी सुनकर भी मोहान्ध रहा। पांचवी क्षमा उन मां बाप से, जिन्होंने अपने कर्तव्य का पालन किया, लेकिन हमने उन्हें वह सम्मान नहीं दिया हो जिसके वह हकदार थे। छठी क्षमा उन दीन हीन गरीबों से, जिनकी सहायता के लिए हमे धन और बल मिला, लेकिन उनसे मुख मोड़ लिया, अपने नाम और ऐशोआराम के लिए खर्च किया। सातवी क्षमा उन साधर्मी भाइयों सब मित्रों से, जिनके साथ स्वार्थवश-अभिमानवश अपराध किया हो। आठवी क्षमा उन सभी परिवारजन कुटुम्बजन रिश्तेदारों अधीनस्थ काम करने वाले कर्मचारियों से जिनसे अपने अहंकार के कारण दुर्व्यवहार किया हो। नौंवी क्षमा उन एक से पांच इन्द्रिय प्राणियों से, आंखें होते हुए भी प्रमादवश जिनको हमने मारा हो या दुख दिया हो और अंतिम क्षमा उन संसार के समस्त प्राणियों से, जिनको जाने अनजाने में मन वचन काय से कषाय के वश पीड़ा पहुंचाई हो सभी से हाथ जोड़कर क्षमा मांगते है। विनोद जैन, रचित जैन, राकेश जैन, कपिल जैन, मनोज जैन, रमेश जैन, राकेश जैन, नवीन जैन, कमल जैन, हेमचंद जैन आदि मौजूद रहे। साकेत जैन मंदिर में साकेत मंदिर की में क्षमा वाणी का कार्यक्रम संपन्न हुआ, जिसमें अध्यक्ष दिनेश कुमार जैन ने सभी का अभिवादन किया, विशाल जैन ने सभी का आभार व्यक्त किया। मंदिर में एक दूसरे से क्षमा मांगी और दस लक्षण पर्व पूरे होने पर एक दूसरे को बधाई दी। क्षमावाणी के बाद मंदिर में भंडारा कर प्रसाद वितरण किया गया। बडी संख्या में जैन समाज के लोग मौजूद रहे।
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