हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी दांव आजमाएगी चंद्रशेखर की आजाद पार्टी, दुष्यंत चौटाला संग गठबंधन का ऐलान
- लोकसभा चुनाव में नगीना सीट से चुनाव जीतकर सांसद बने चंद्रशेखर ने अब हरियाणा की तरफ रुख कर दिया है। हरियाणा में होने वाले विधानसभा में चंद्रशेखर की आजाद पार्टी चुनाव लड़ेगी। इसको लेकर चंद्रशेखर ने जननायक पार्टी के अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला से गठबंधन किया है।
लोकसभा चुनाव में नगीना सीट से जीत के बाद अब आजाद समाज पार्टी के संस्थापक और सांसद चंद्रशेखर आजाद हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी दांव आजमाएंगे। विधानसभा चुनाव को देखते हुए चंद्रशेखर आजाद ने मंगलवार को नई दिल्ली में जननायक जनता पार्टी के अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला के साथ गठबंधन की घोषणा की। दोनों ने नारा दिया-किसान कमेरे आगे बढ़, जीत ले अपना चंडीगढ़। जननायक जनता पार्टी और आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के गठबंधन का आधिकारिक ऐलान मंगलवार को नई दिल्ली में हुई प्रेस कांफ्रेंस में किया गया।
दोनों पार्टियों के नेताओं की ओर से घोषणा में कहा गया कि जननायक जनता पार्टी हरियाणा की 70 सीटों और आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) हरियाणा की 20 सीटों पर मिलकर चुनाव लड़ेगी। दोनों नेताओं ने कहा कि किसान-कमेरों का एक साथ आना हरियाणा के बेहतर भविष्य के निर्माण की ओर एक मजबूत कदम साबित होगा। माना जा रहा है कि पश्चिम उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे हरियाणा की विधानसभा सीटों पर आसपा प्रत्याशी उतारेगी। अन्य सीटों पर दुष्यंत चौटाला की पार्टी को समर्थन देगी। गठबंधन के ऐलान के बाद आजाद समाज पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद और जननायक जनता पार्टी के नेता दुष्यंत चौटाला ने एक दूसरे को मिठाई खिलाई। दोनों पार्टियों के नेताओं ने एक्स पर साझा फोटो जारी किए।
चंद्रशेखर का सफर
- जन्म : तीन दिसंबर 1986
- जन्मस्थान : छुटमलपुर, सहारनपुर
- शिक्षा : एलएलबी
- राजनैतिक पार्टी : आजाद समाज पार्टी
राजनैतिक जीवन
- राष्ट्रीय अध्यक्ष : आजाद समाज पार्टी
- संस्थापक : भीम आर्मी राष्ट्रीय एकता मिशन
- फरवरी 2021 में विश्व के 100 उभरते नेताओं में टाइम्स पत्रिका ने शामिल किया
- वर्ष 2024 में नगीना से सांसद चुने गए
2017 में पहली बार चर्चा में आए
चंद्रशेखर सबसे पहले साल 2017 में चर्चा में आए, चर्चा में आने की वजह जातीय संघर्ष थी। हिंसा के आरोपों के बाद भीम आर्मी के मुख्य कर्ताधर्ता चंद्रशेखर को गिरफ्तार किया गया था। चंद्रशेखर की अगुवाई में 25 युवा भीम आर्मी संभालते हैं। भीम आर्मी दलित शब्द के खिलाफ है और अंबेडकरवादी सोच वालों का स्वागत करती है। भीम आर्मी की स्थापना दलित एक्टिविस्ट सतीश कुमार, चंद्रशेखर आजाद, विनय रतन आर्य ने साल 2014 में की थी।
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