सोशल इंजीनियरिंग से BSP को मजबूती देने की कोशिश में जुटीं मायावती, मुस्लिम और ब्राह्मणों को जोड़ने का चलाएंगी अभियान
बसपा प्रमुख मायावती ने 2007 के फार्मूले के आधार पर फिर से सोशल इंजीनियरिंग फॉर्मूले पर काम करना शुरू कर दिया है। कोआर्डिनेटरों की टीम में मुस्लिमों और ब्राह्मणों को स्थान देकर उन्हें अपनी बिरादरी के लोगों को जोड़ने की जिम्मेदारी दी गई है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने साल 2007 के आधार पर फिर से सोशल इंजीनियरिंग फॉमूले पर काम शुरू कर दिया है। कोआर्डिनेटरों की टीम में मुस्लिमों और ब्राह्मणों को स्थान देकर उन्हें अपनी बिरादरी के लोगों को जोड़ने की जिम्मेदारी दी गई है। दलित धीरे-धीरे बसपा का साथ छोड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। इसीलिए मायावती चाहती हैं कि दलितों को बांधे रखने के साथ ही मुस्लिमों और ब्राह्मणों को भी पार्टी के साथ जोड़ा जाए। इसके बिना बसपा का भला होने वाला नहीं है।
बसपा सुप्रीमो ने हर मंडल में अब दो-दो टीमें बनाई हैं। लखनऊ मंडल की टीम ए में गंगाराम गौतम को लखनऊ, रणधीर बहादुर को हरदोई और उमाशंकर गौतम को लखीमपुर खीरी में संगठन के कार्यों को समय से पूरा करने की जिम्मेदारी दी गई है। टीम ए में पूर्व सांसद घनश्याम खरवार, मौजीलाल गौतम और एडवोकेट दिनेश पाल को भी शामिल किया गया है। टीम बी में ओमप्रकाश गौतम को उन्नाव, अरविंद गौतम को रायबरेली और रामलखन गौतम को सीतापुर में पार्टी के कार्यों को पूरा करने का जिम्मा सौंपा गया है। टीम बी में पूर्व एमएलसी अतर सिंह राव, डा. सुशील कुमार मुन्ना और राकेश कुमार गौतम को भी शामिल किया गया है। इनके अलावा समसुद्दीन राईन, अखिलेश अंबेडकर, राकेश गौतम, रामनाथ रावत को पूरे लखनऊ मंडल में पार्टी के कार्यों को समय से पूरा करने के लिए अतिरिक्त रूप से शामिल किया गया है।
प्रयागराज मंडल में टीम ए में राजेंद्र दिवाकर, चिंतामणि वर्मा और अशोक बिंद हैं। टीम बी में जगन्नाथ पाल, रमेश पासी, अभिषेक गौतम हैं। टीम ए के साथ अमरेंद्र बहादुर पासी, अकाश गौतम व टीम बी में राजू गौतम व सतीश जाटव को लगाया गया है। इसके साथ ही बसपा के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल, धनश्याम चंद्र खरवार और सालीम अंसारी को भी प्रयागराज मंडल में देखरेख के लिए लगाया गया है। वाराणसी में टीम एक में दीप चंद्र चौधरी, सुभाष चंद्र, सत्येंद्र कुमार मौर्य व टीम दो में मनोज विद्रोही, तेज बहादुर मौर्या व विनोद बागड़ी को जिम्मेदारी दी गई है। हर टीम में मुस्लिमों के साथ ब्राह्मणों को रखा गया है, जिससे वे अपनी बिरादरी के लोगों को जोड़ सकें।