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विधानसभा उपचुनाव में हार की समीक्षा करेंगी मायावती, कल बुलाई बसपा की बैठक

बसपा सुप्रीमो मायावती ने विधानसभा उपचुनाव में मिली करारी हार के कारणों की समीक्षा के लिए 30 दिसंबर को पार्टी कार्यालय में अहम बैठक बुलाई है। बैठक में प्रदेश पदाधिकारियों के साथ मंडलीय कोआर्डिनेटरों, बसपा के साथ बामसेफ के जिलाध्यक्षों को बुलाया गया है।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान, लखनऊFri, 29 Nov 2024 07:40 AM
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बसपा सुप्रीमो मायावती ने विधानसभा उपचुनाव में मिली करारी हार के कारणों की समीक्षा के लिए 30 दिसंबर को पार्टी कार्यालय में अहम बैठक बुलाई है। बैठक में प्रदेश पदाधिकारियों के साथ मंडलीय कोआर्डिनेटरों, बसपा के साथ बामसेफ के जिलाध्यक्षों को बुलाया गया है। बताया जा रहा है कि इस बैठक में पार्टी के खिसकते जनाधार को बढ़ाने के साथ ही बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत करने पर चर्चा होगी। यह भी माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद कुछ बड़े पदाधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है।

उत्तर प्रदेश में चार बार सरकार बनाने वाली बसपा मौजूदा समय अपने सबसे खराब दौर से गुजर रही है। बसपा इस बार सभी नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव लड़ी। अन्य चुनावों की अपेक्षा इस चुनाव में बसपा का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तो बसपा से बेहतर प्रदर्शन आजाद समाज पार्टी ने किया। बसपा के लिए यह खतरे की घंटी जैसा है। आजाद समाज पार्टी के मजबूत होने का मतलब दलित वोट बैंक का उसके साथ जाना है।

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बसपा सुप्रीमो इसको लेकर काफी चिंतित हैं। उन्होंने उपचुनाव के तुरंत बाद ही भविष्य में कोई भी उपचुनाव न लड़ने का एलान कर दिया। उन्होंने प्रदेश के अधिकतर मंडलों के कोआर्डिनेटरों को भी बदल दिया है। बसपा सुप्रीमो ने 30 दिसंबर को प्रदेश पार्टी कार्यालय में महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। इसमें भविष्य की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। यह भी माना जा रहा है कि कुछ बड़े नेताओं की जिम्मेदारियां भी बदली जा सकती हैं।

इससे पहले उत्तर प्रदेश में नौ विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे आने के अगले दिन बसपा के एक भी सीट जीतने में विफल रहने के बाद, पार्टी प्रमुख मायावती ने मतदान में अनियमितता का आरोप लगाया था और कहा था कि उनकी पार्टी भविष्य में उपचुनाव नहीं लड़ेगी, जब तक कि चुनाव आयोग कोई कदम नहीं उठाता।

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