मारपीट, गाली देने के दो दोषियों को परिवीक्षा का मिला लाभ
Mau News - मऊ में 30 साल पुराने विवाद के मामले में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट साक्षी सिंह ने रामविलास चौहान और मुन्ना चौहान को दोषी ठहराया। उन्हें छह महीने की परिवीक्षा पर रखा गया है। यह मामला 2 नवंबर 1993 का...

मऊ। तीन दशक पूर्व हलधरपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत जमालपुर बुलंद गांव में पुरानी रंजिश को लेकर मारपीट, गाली-गुफ्ता देने के मामले में शुक्रवार को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट साक्षी सिंह दो आरोपियों रामविलास चौहान और मुन्ना चौहान को दोषी करार दिया। जबकि आरोपियों की उम्र को देखते हुए उन्हें नेक चाल-चलन बनाए रखने की शर्त पर छह माह की परिवीक्षा पर छोड़ने का भी निर्णय सुनाया। मामला 2 नवम्बर 1993 का है। मामले में थाना हलधरपुर में जमालपुर बुलंद निवासी सुदामा ने अपने ही गांव के निवासीगण रामविलास, मुन्ना, नरेश व बतासु के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। बाद में विवेचना के दौरान आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
मामले में आरोप लगाया गया था कि आरोपी वादी, उसकी पत्नी मंशा देवी और भाई सुनील को एक राय होकर मारपीट करके चोंट पहुंचाए थे। साथ ही साथ गाली-गुफ्ता और धमकी दिए थे। मामले में सहायक अभियोजन अधिकारी ने कुल चार गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराकर अभियोजन कथानक को सन्देह से परे साबित कराया था। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने साक्ष्य की गहन समीक्षा के फैसला सुनाया। जबकि मामले में नरेश और बतासु की मौत होने के चलते उनके खिलाफ कार्रवाई समाप्त कर दिया गया।
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