पार्षदों ने केबिनेट की वैधता पर मांगा निर्णय
Mathura News - भाजपा पार्षद दल के नेता के नेतृत्व में पार्षदों के प्रतिनिधिमंडल ने सौंपा मंडलायुक्त को ज्ञापनभाजपा पार्षद दल के नेता के नेतृत्व में पार्षदों के प्रति
नगर निगम मथुरा-वृंदावन की कैबिनेट वैधता की जांच होने के बाद भी कोई निर्णय न होने और बोर्ड बैठक न बुलाए जाने समेत पांच मुद्दों को लेकर शुक्रवार को भाजपा पार्षद दल के नेता के नेतृत्व में पार्षदों ने मंडलायुक्त से मुलाकात कर ज्ञापान सौंपा। पार्षद दल ने 15वें वित्त की धनराशि के वापस लौटने की बढ़ती संभावना पर भी चिंता जताई। मंडलायुक्त ऋतु माहेश्वरी ने पार्षदों को जल्द ही कार्रवाई का आश्वासन दिया है। शुक्रवार को पार्षद दल के नेता चौधरी राजवीर सिंह के नेतृत्व में नीनू कुंज बिहारी भारद्वाज, नीरज वशिष्ठ, ठाकुर तेजवीर सिंह, बृजेश खरे, राकेश भाटिया और शशांक शर्मा आदि ने मंडलायुक्त से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि करीब 18 दिन पूर्व नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 88 तहत बोर्ड मीटिंग बुलाने की मांग की संयुक्त एक हस्ताक्षरयुक्त पत्र के माध्यम से महापौर और नगर आयुक्त से की थी, जबकि प्रावधान है कि पत्र के प्राप्त होते 15 दिन अंदर बोर्ड मीटिंग बुलानी चाहिए। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि यह भी अवगत कराना है कि पार्षदों ने मीटिंग बुलाने का जनहित में जो निर्णय लिया है, उसमें प्रमुख रूप से राज्य वित्त और 15 वित्त की राशि से समस्त वार्डों में विकास कराए जाने को लेकर है। चूंकि नगर निगम के कोष में 15 वें वित्त की धनराशि भरपूर उपलब्ध है। पार्षदों को यह भय सता रहा है यदि 15 वित्त की राशि से वार्डों में विकास कार्य नहीं कराए गए तो यह बड़ी धनराशि शासन को वापस हो जाएगी, जिससे महानगर विकास कार्य कराने को मोहताज हो जाएगा।
इसके अलावा ज्ञापन में कहा गया है कि 13 सितंबर 2024 को हुई बोर्ड मीटिंग में महापौर द्वारा नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 52 का पालन न कर जो अवैध व नियम विरुद्ध कार्यकारणी बनाई थी, जिसके बारे में पूर्व में पार्षदों ने मंडलायुक्त आगरा को शिकायत की थी। मंडलायुक्त ने शिकायत की आधार पर नगर आयुक्त मथुरा को पत्र लिखकर उपरोक्त बिंदुओं की जांच आख्या मांगी। इसके क्रम में नगर आयुक्त द्वारा तीन सदस्यीय जांच कमेटी के द्वारा जांच कराकर आख्या 30 अक्टूबर 2024 को मंडलायुक्त आगरा को भेज दी, जिसमें जांच कमेटी ने अपनी आख्या में धारा 52 का पूर्णतः उल्लंघन पाया गया है। अर्थात् कमेटी को नियम विरुद्ध माना है। पार्षद दल के नेता चौधरी राजवीर सिंह ने बताया कि इस मामले में जल्द कार्रवाई नहीं होती है तो पूरी पत्रावली के साथ पार्षदों का प्रतिनिधिमंडल जल्द ही मुख्यमंत्री, ऊर्जा मंत्री और प्रमुख सचिव से मिलेगा।
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