बच्चा पैदा हुआ है तो चिंता मत करिए, घर आएंगी आशा मां
Mainpuri News - मैनपुरी। आपके यहां बेटी या बेटा पैदा हुआ है तो उसकी देखभाल के लिए चिंतित होने की अधिक जरूरत नहीं है।
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आपके यहां बेटी या बेटा पैदा हुआ है तो उसकी देखभाल के लिए चिंतित होने की अधिक जरूरत नहीं है। नवजात की मां और अन्य परिजनों के साथ आशा मां भी उनकी देखभाल करेंगी। जन्म से लेकर 42 दिनों तक नवजात की देखभाल का जिम्मा संभालने वाली आशा मां घर-घर जाएंगी। नवजात को किस चीज की जरूरत है, बीमार तो नहीं है, इन बिंदुओं पर आशा मां का जोर रहेगा। नवजातों की देखभाल के लिए आशाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जहां तक मैनपुरी जनपद में शिशु मृत्यु दर का सवाल है तो पैदा होने वाले एक हजार बच्चों में से 38 नवजात बच्चों की मौत हो जाती है। इतना ही नहीं विभिन्न बीमारियों से बच्चे ग्रसित होते हैं। जन्म लेते ही बच्चों को डायरिया, निमोनिया, पीलिया, बुखार जैसी बीमारियां घेर लेती हैं। नवजात बच्चों की मां को इन लक्षणों का पता तब लगता है जब बीमारी बढ़ जाती है। बच्चों को विभिन्न बीमारियों से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने नया प्लान बनाया है। इस प्लान के तहत मैनपुरी जनपद में 280 आशाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पहले चरण में किशनी, बरनाहल और बेवर में पांच दिवसीय प्रशिक्षण शुरू करवाया जाएगा। इसके बाद जिले के अन्य स्थानों पर ये प्रशिक्षण होगा। प्रशिक्षण लेने के बाद ये आशाएं जिन घरों में बच्चे पैदा हुए हैं, उन घरों का भ्रमण करेंगी और जन्म से लेकर 42 दिन तक बच्चों के स्वास्थ्य पर नजर रखेंगी।
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