समाज के कमजोर वर्ग को निशुल्क कानूनी सहायता देना उद्देश्य
राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस पर मैनपुरी के सुदिती ग्लोबल एकेडमी में विधिक साक्षरता संगोष्ठी और जागरुकता रैली का आयोजन किया गया। अपर जनपद न्यायाधीश कमल सिंह ने मुफ्त कानूनी सहायता के महत्व पर जोर दिया।...
राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस पर मैनपुरी शहर के सुदिती ग्लोबल एकेडमी में विधिक साक्षरता संगोष्ठी एवं जागरुकता रैली का आयोजन हुआ। सुदिती एजूकेशनल एवं रिसर्च फाउंडेशन के तत्वावधान में कार्यक्रम किया गया। जागरुकता रैली को झंडा दिखाकर रवाना किया गया। अपर जनपद न्यायाधीश कमल सिंह (सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण), अपर जिला न्यायिक मजिस्ट्रेट विभा धामा का संस्था चेयरमैन डा. राम मोहन, प्रबंध निदेशक डा. लव मोहन ने स्वागत किया। छात्राओं द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। अपर जनपद न्यायाधीश कमल सिंह ने कहा कि प्राधिकरण का मुख्य उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों को निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करना है। वर्ष 1995 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इस दिवस की शुरुआत की गई थी। छात्रों को बताया कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 39ए के तहत प्रत्येक नागरिक को समान अवसर के आधार पर न्याय पाने का अधिकार है। अपर जिला न्यायिक मजिस्ट्रेट विभा धामा ने बताया कि मुफ्त कानूनी सेवाओं में कोर्ट फीस, वकील की सेवाएं, दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतियां और अनुवाद जैसी सुविधाएं शामिल हैं। छात्रों को इन सेवाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित किया। विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के तहत गठित नालसा न केवल निःशुल्क कानूनी सेवाएं प्रदान करता है, बल्कि लोक अदालतों के माध्यम से विवादों के सौहार्दपूर्ण समाधान में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
लोगों को कानून के बारे में बताया
संस्था चेयरमैन डा. राम मोहन ने विधक जागरुकता के लिए छात्रों, शिक्षकों की एक रैली को झंडा दिखाकर रवाना किया। उप प्रधानाचार्य जयशंकर तिवारी के नेतृत्व में रैली निकाली गई। विद्यार्थियों ने आसपास के क्षेत्रों का दौरा किया ताकि लोगों को दैनिक उपयोग होने वाले कानूनों के बारे में शिक्षित किया जा सके। इस मौके पर प्रशासनिक प्रधानाचार्य डा. कुसुम मोहन सहित शिक्षक-शिक्षिकाएं व विद्यार्थी मौजूद रहे।
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