उत्तम क्षमा बोलकर मांगी क्षमा, पर्यूषण पर्व का समापन
भोगांव। जैन धर्म के अनुयायियों ने पर्यूषण पर्व के समापन पर क्षमावाणी मनाकर एक दूसरे से उत्तम क्षमा बोलकर जाने अनजाने में हुईं भूलों की क्षमा मांगी।
जैन धर्म के अनुयायियों ने पर्यूषण पर्व के समापन पर क्षमावाणी मनाकर एक दूसरे से उत्तम क्षमा बोलकर जाने अनजाने में हुईं भूलों की क्षमा मांगी। बुधवार को पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर प्रांगण में समारोह आयोजित किया गया। लोगों ने आपस में गले मिलकर, पैर छूकर और एक दूसरे को उत्तम क्षमाभाव बोलकर क्षमावाणी पर्व मनाया। वक्ताओं ने कहा कि जैन धर्म विश्व को मैत्री, एकता व अहिंसा का प्रेरक संदेश देता है। क्षमा वीरस्य भूषणम् अर्थात क्षमा ही वीरों का आभूषण है, इस सिद्धांत के आधार पर ही पयूर्षण पर्व के अंतिम दिन क्षमावाणी पर्व मनाया जाता है। जैन मंदिर में अभिषेक-पूजन के पश्चात दशलक्षण पर्व के सफल समापन की खुशी में बधाई गीत गाए गए। इस दौरान नलिन जैन, आशीष जैन, आरसी जैन, राहुल जैन, अर्पित जैन, दिनेश जैन, नवीन जैन, शैंकी जैन, अमन जैन, शुभम जैन, सुमित जैन, सौरभ जैन, संजय जैन, प्रवीण जैन, अशेष जैन, राजीव जैन, वैभव, स्वर्णिम, स्वप्निल जैन आदि मौजूद रहे।
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