सीलिएक रोगी गेहूं और जो के सेवन से बचें: निदेशक
पीजीआई में राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान, सीलिएक रोग से पीड़ित और मधुमेह से ग्रस्त बच्चों के लिए खानपान संबंधी सुझाव पुस्तक का विमोचन किया गया। विशेषज्ञों ने बताया कि गेहूं और जौ से बनी चीजें बच्चों के...
-पीजीआई में राष्ट्रीय पोषण माह पर खानपान से जुड़ी सुझाव पुस्तक का विमोचन हुआ लखनऊ, कार्यालय संवाददाता
सीलिएक रोग के साथ मधुमेह पीड़ित बच्चे गेहूं व जौ और इसके बने उत्पाद त्याग कर स्वस्थ रह सकते हैं। मधुमेह के नियंत्रण के लिए अभिभावक बच्चों के खानपान में खासी सतर्कता बरतें। इससे इन बच्चों के संपूर्ण शारीरिक और मानसिक विकास पर कोई असर नहीं पड़ेगा। यह बातें बुधवार को पीजीआई निदेशक डॉ. आरके धीमान ने पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग की ओर से राष्ट्रीय पोषण माह पर डायबिटीज पीड़ित बच्चों में सीलिएक रोग पर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में कहीं। निदेशक ने इन बच्चों के खानपान से जुड़ी सुझाव वाली पुस्तक का विमोचन किया गया।
पीडियाट्रिक इंडोक्राइनोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. विजय लक्ष्मी भाटिया ने कहा कि आउटरीच कार्यक्रमों के तरह बीमारी से सम्बंधित जागरूकता बहुत उपयोगी है। पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. उज्ज्वल पोद्दार ने कहा कि सीलिएक रोग के साथ मधुमेह का आहार प्रबंधन बहुत जटिल है। यह पुस्तक इन बच्चों के लिये बहुत उपयोगी होगी।
गेहूं व जौं आंतों के लिए नुकसानदेह
पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट डॉ. मोइनक सेन शर्मा ने बताया कि सीलिएक बीमारी पाचन से जुड़ी समस्या होती है। इसमें बच्चों को दस्त, पेट दर्द और सूजन की दिक्कत होती है। इसकी सटीक पहचान के लिए बच्चे के खून की जांच और इंडोस्कोपी की जाती है। उपचार के साथ ही गेहूं और जौं से बनी चीजें छोड़कर बच्चे सामान्य जीवन जी सकते हैं। गेहूं और जौ में ग्लूटेन नामक प्रोटीन अधिक होता है। इसका सीधा असर छोटी आंत पर पड़ता है। इस मौके पर डॉ. प्रवीर राय, डॉ. समीर मोहिन्द्रा, डॉ. अंशु श्रीवास्तव, डॉ. एलके भारती आदि मौजूद रहे।
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