Hypertension Awareness 50 Patients Unaware of Their Condition Experts Urge Regular Check-ups हाईपरटेंशन के 50 प्रतिशत मरीजों को बीमारी का पता ही नहीं, Lucknow Hindi News - Hindustan
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हाईपरटेंशन के 50 प्रतिशत मरीजों को बीमारी का पता ही नहीं

Lucknow News - हाईपरटेंशन के 50 प्रतिशत मरीजों को अपनी बीमारी के बारे में जानकारी नहीं होती। समय पर जांच और इलाज से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। डॉक्टरों ने जागरूकता कार्यक्रम में कहा कि स्वस्थ जीवनशैली और नियमित...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊSat, 17 May 2025 07:52 PM
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हाईपरटेंशन के 50 प्रतिशत मरीजों को बीमारी का पता ही नहीं

हाईपरटेंशन के 50 प्रतिशत मरीजों को बीमारी की जानकारी नहीं होती है। शुरुआत में उन्हें बढ़े हुए ब्लड प्रेशर के लक्षण भी नजर नहीं आते हैं। ब्लड प्रेशर की बीमारी का शुरुआत में पता लगाने के लिए समय-समय पर जांच जरूर कराएं। यह सलाह केजीएमयू लारी कॉर्डियोलॉजी विभाग के डॉ. अक्षय प्रधान ने दी। डॉ. प्रधान शनिवार को विश्व हाईपरटेंशन दिवस पर लारी कॉर्डियोलॉजी में जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि समय पर जांच व इलाज से बीमारी काबू में आ सकती है। लारी कॉर्डियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. ऋषि सेठी ने कहा कि हाई ब्लड प्रेशर के दो तिहाई मरीज निम्न और मध्यम आय के होते हैं।

बढ़े ब्लड प्रेशर को दवाओं से काबू पाया जा सकता है। पांच में एक वयस्क ही बीमारी पर काबू पाते हैं। इसकी बड़ी वजह इलाज में कोताही व जीवनशैली में बदलाव न करना है। डॉ. आयुष शुक्ला ने कहा कि लोगों को कम नमक का सेवन करना चाहिए। क्योंकि नमक के सेवन से भी ब्लड प्रेशर की समस्या होती है। बलरामपुर अस्पताल में हाईपरटेंशन दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम मनाया गया। वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. विष्णु कुमार ने कहा कि उच्च रक्तचाप की जटिलताओं व समय रहते पहचान कर बीमारी पर काबू पाया जा सकता है। डॉक्टर की सलाह पर दवाएं लें। डॉ. नीरज श्रीवास्तव ने स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और नियमित रक्तचाप जांच कराने की सलाह दी। इसके उपरांत नुक्कड़ नाटको के माध्यम से जनमानस को उच्च रक्तचाप के कारण, बचाव एवं उपचार के प्रति जागरूक किया गया, जिसे उपस्थित जनसमूह ने खूब सराहा। नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि जीवनशैली में छोटे-छोटे सुधार जैसे संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, तनाव प्रबंधन और समय-समय पर स्वास्थ्य जांच, उच्च रक्तचाप को नियंत्रित रखने में सहायक हो सकते हैं। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिमांशु चतुर्वेदी ने कहा कि बच्चे भी हाईपरटेंशन के शिकार हो रहे हैं। लिहाजा साल में एक बार बच्चे के ब्लड प्रेशर की जांच कराएं। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसके पांडेय ने बताया कि जागरूकता कार्यक्रम के तहत पोस्टर प्रतियोगिता हुई।

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