आईएएस राजेश कुमार सिंह पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन में लापरवाही पर गिरी गाज
- एमपी अग्रवाल को सहकारिता व अनिल गर्ग को करागार का चार्ज लखनऊ-
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पालन में लापरवाही बरतने पर सरकार ने लिया बड़ा फैसला - एमपी अग्रवाल को सहकारिता व अनिल गर्ग को करागार का चार्ज
लखनऊ- विशेष संवाददाता
राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करने में लारवाही बरतने और तर्कसंगत पक्ष न रखने पर वर्ष 1991 बैच के आईएएस अधिकारी राजेश कुमार सिंह को प्रतीक्षारत कर दिया है। उनके तीनों विभागों का दायित्व तीन आईएएस अधिकारियों को दिया गया है।
अनिल गर्ग को प्रमुख सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के साथ कारागार का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। एमपी अग्रवाल को प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा के साथ सहकारिता का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। एल वेकेंटश्वर लू को परिवहन के साथ महानिदेशक दीन दयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। यह तीनों प्रभार राजेश कुमार सिंह के पास था।
सुप्रीम कोर्ट ने एक कैदी की सजा माफी के मामले में उत्तर प्रदेश कारागार प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव राजेश कुमार सिंह को बीते मंगलवार को फटकार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह किसी आईएएस अधिकारी को न्यायालय के सामने झूठ बोलते हुए और सुविधानुसार अपना रुख बदलते हुए बर्दाश्त नहीं करेगा। राजेश कुमार सिंह द्वारा 14 अगस्त को जो शपथपत्र दिया गया वह उनके बयानों से पूरी तरह भिन्न था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शपथपत्र में दिए गए बयान झूठे प्रतीत होते हैं।
राजेश कुमार सिंह ने 12 अगस्त को दलील दी थी कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों के कारण राज्य में लागू आदर्श आचार संहिता के चलते एक दोषी की सजा माफी से संबंधित फाइल के निपटारे में देरी की। बाद में कहा कि उन्होंने अनजाने में यह कह दिया कि आदर्श आचार संहिता के कारण मुख्यमंत्री सचिवालय ने सजा माफी से संबंधित फाइलें स्वीकार नहीं की। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में जल्द ही सुनवाई है, माना जा रहा है कि इसके चलते यह कार्रवाई की गई है।
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