Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़लखनऊDouble Investigation Launched After TPNagar Building Collapse IIT and PWD Teams Mobilized

लोनिवि ने शुरू कराई जांच, आईआईटी से भी मांगी मदद

टीपीनगर में बिल्डिंग ढहने के बाद दोहरी जांच शुरू हो गई है। कमिश्नर ने पीडब्ल्यूडी को जांच की जिम्मेदारी दी है। आईआईटी कानपुर की टीम भी बिल्डिंग की मजबूती का परीक्षण करेगी। जांच में बिल्डिंग के पिलर का...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊSun, 8 Sep 2024 03:46 PM
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टीपीनगर हादसे की दोहरी जांच शुरू हो गई है। शासन स्तर से बनाई गई जांच कमेटी के अलावा दूसरी जांच कमेटी कमिश्नर डॉ. रोशन जैकब ने बनाई है। कमिश्नर ने पीडब्ल्यूडी के भवन अनुभाग को जांच की जिम्मेदारी दी है। उनके निर्देश पर पीडब्ल्यूडी ने जांच शुरू कर दी है। पीडब्ल्यूडी इंजीनियरों की टीम रविवार दोपहर बाद मौके पर पहुंचकर बिल्डिंग की मजबूती की जांच शुरू की। वह जांच में आईआईटी कानपुर, एलडीए से भी मदद ले रहा है। आईआईटी के सिविल इंजीनियरिंग विभाग से एलडीए के इंजीनियरों ने रविवार को सम्पर्क साधा है। आईआईटी की टीम के सोमवार को आने की उम्मीद है। कमिश्नर ने ट्रांसपोर्ट नगर में ध्वस्त बिल्डिंग की गुणवत्ता, स्ट्रक्चरल डिजाइन की जांच के आदेश दिए हैं। इस सम्बंध में उन्होंने रविवार को आदेश जारी किया। उन्होंने पीडब्ल्यूडी को तत्काल जांच शुरू करने का निर्देश दिया था। इस पर रविवार दोपहर बाद ही पीडब्ल्यूडी मुख्य अभियंता भवन सीपी गुप्ता, अधीक्षण अभियंता जेपी सिंह पहुंचे। लोगों ने यहां फोटोग्राफी कराई और बिल्डिंग में खड़े कालम आदि दिखा। बिल्डिंग के मलबे का सैंपल भी लिया। पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों ने लखनऊ विकास प्राधिकरण से बिल्डिंग का स्वीकृत मानचित्र भी मांगा है।

आज आएगी आईआईटी टीम

आईआईटी कानपुर से एलडीए ने सम्पर्क साधा है। हालांकि रविवार का अवकाश होने की वजह से आईआईटी के एक्सपर्ट नहीं आ पाए। उनसे फोन पर बात हुई है। सोमवार को फिर उनसे बात होगी। माना जा रहा है कि सोमवार को उनकी टीम आ सकती है। आईआईटी इस बिल्डिंग की पूरी मजबूती की जांच करेगा। मलबे की गुणवत्ता से लेकर स्ट्रक्चरल की मजबूती भी परखेगी। अगर आईआईटी सैम्पल भेजने के लिए कहता है तो उसे सैम्पल भी भेजा जाएगा। पीडब्ल्यूडी व एलडीए ने सैम्पल कलेक्ट कराया है।

बिल्डिंग के पिलर का टुकड़ा निकाला

जांच के लिए बिल्डिंग के पिलर का टुकड़ा निकाला गया है। इसी टुकड़े से जांच होगी कि यह कितना वजन सहन करने लायक था, इसीलिए पिलर का बड़ा हिस्सा काटा गया है। आईआईटी को भी इसे जांच के लिए दिया जाएगा। लोक निर्माण विभाग भी अपनी लैब में मलबे की गुणवत्ता की जांच करेगा।

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