रक्तदान करने से दिल की बीमारी का खतरा कम
Lucknow News - लखनऊ में केजीएमयू में स्वैच्छिक रक्तदान में महिलाओं की भागीदारी केवल 5 प्रतिशत है, जो चिंताजनक है। डॉ. तूलिका चंद्रा ने कहा कि पुरुष 95 प्रतिशत रक्तदान कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी भ्रांतियों...
-स्वैच्छिक रक्तदान में महिलाओं की कम भागीदारी चिंताजनक -केजीएमयू में स्वैच्छिक रक्तदान में विशेषज्ञों ने चिंता जाहिर की
लखनऊ, वरिष्ठ संवाददाता।
स्वैच्छिक रक्तदान को लेकर लोगों में जागरुकता बढ़ी है। इस नेक काम में महिलाओं की भागीदारी अभी भी बहुत कम है। महज पांच प्रतिशत महिलाएं ही स्वैच्छिक रक्तदान कर रही हैं। यह चिंता केजीएमयू ब्लड एंड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की अध्यक्ष डॉ. तूलिका चन्द्रा ने जाहिर की है।
वह गुरुवार को अखिल भारतीय कुशवाहा समाज की ओर केजीएमयू में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर व जागरुकता कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं। पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या के जन्मदिन पर आयोजन हुआ। डॉ. तूलिका चन्द्रा ने कहा कि पुरुष 95 प्रतिशत स्वैच्छिक रक्तदान कर रहे हैं। जरूरतमंदों की जान बचाने के लिए सभी लोगों की सहभागिता की जरूरत है। महिलाएं रक्तदान को लेकर आगे आएं। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र के लोग अभी भी रक्तदान करने में कतरा रहे हैं। उनके मन में रक्तदान को लेकर कई तरह की भ्रांतियां हैं। उन्हें लगता है कि रक्तदान करने से शारीरिक कमजोरी आ जाती है। जबकि यह पूरी तरह से गलत है। नियमित रक्तदान करने वाले अधिक सेहतमंद जीवन जीते हैं। उनमें नई कोशिकाओं का निर्माण तेजी से होता है।
दिल की बीमारी का खतरा कम
डॉ. तुलिका चंद्रा ने कहा कि नियमित रक्तदान करने से दिल की बीमारी का खतरा कम होता है। दिल का दौरा पड़ने की आशंका पांच प्रतिशत कम हो जाती है। यही नहीं नियमित रक्तदान करने वालों को बीमारियां आसानी से नहीं घेरती हैं। एचआईवी, हेपेटाइटिस, सिफलिस समेत दूसरी बीमारी की जांच भी मुफ्त होती है। उन्होंने बताया कि शिविर में करीब 90 यूनिट रक्तदान हुआ। इस मौके पर स्वामी प्रसाद मौर्या ने अखिल भारतीय कुशवाहा समाज को धन्यवाद दिया। इस मौके पर रेस्पीरेटरी मेडिसिन विभाग के डॉ. संतोष कुमार, डॉ. आरएएस कुशवाहा और डॉ. एसएन सिंह मौजूद रहे।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।