आयुर्वेद पट्टी से भरेंगे घाव
Lucknow News - बदली जीवनशैली के कारण गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र ने आयुर्वेद की दवाओं के वैज्ञानिक शोध पर प्रकाश डाला। दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के पूर्व निदेशक...
बदली जीवनशैली ने सेहत के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। लोग तमाम तरह की गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। त्वचा पर घाव हो जाते हैं। कई बार घाव इलाज के बावजूद नहीं भरते हैं। आयुर्वेद में तमाम ऐसी दवाएं हैं जिससे घाव आसानी से भर सकता है। यह जानकारी आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालू ने दी। वह शनिवार को टूडियागंज स्थित राजकीय आयुर्वेद कॉलेज टुडियागंज में घाव प्रबंधन पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालू ने कहा कि आयुर्वेद की दवाओं का वैज्ञानिक ढंग से शोध कर जो तकनीक विकसित की गई है वह सराहनीय है। शोध कार्यों को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देशन में आयुष मंत्रालय विभिन्न शोध कार्यों को करने के लिए अनुदान उपलब्ध करा रहा है।
दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के पूर्व निदेशक पद्मश्री डॉ. मनोरंजन साहू ने बताया आयुर्वेद की औषधियों को आईआईटी व बीएचयू के तकनीकी सहयोग से घाव के भरने में प्रयोग की जाने वाली पट्टी को विकसित किया गया है। जिससे कि मरीज स्वयं से घर पर ही ड्रेसिंग कर सकता है, इससे उसका समय और आर्थिक व्यय भी बचता है। पीजीआई इंडोक्राइन विभाग के डॉ. ज्ञानचंद ने बताया कि आयुर्वेद की दवाओं से घाव की देखभाल में पीजीआई में शोध किया गया है। जिसके सकारात्मक परिणाम भी मिले हैं। इस मौके पर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. माखन लाल, डॉ. धर्मेंद्र कुमार सहित अन्य डॉक्टर व स्टाफ मौजूद रहे।
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