कूड़ा निस्तारण प्लांट की खाली जमीन पर बनेगा स्कूल व स्टेडियम
Lucknow News - नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने शिवरी कूड़ा निस्तारण प्लांट का निरीक्षण किया और कचरे के पहाड़ को शीघ्र समाप्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि खाली जमीन पर स्कूल, अस्पताल, स्टेडियम और पार्क बनाए...

निरीक्षण नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने किया शिवरी कूड़ा निस्तारण का प्लांट का निरीक्षण
कूड़े के पहाड़ को शीघ्र खत्म करने का निर्देश दिया
लखनऊ। प्रमुख संवाददाता
नगर निगम के शिवरी कूड़ा निस्तारण प्लांट की खाली जमीन पर स्कूल, अस्पताल, स्टेडियम तथा पार्क बनाया जाएगा। बुधवार को प्लांट का निरीक्षण करने पहुंचे नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने इसके निर्देश दिए। उन्होंने वहां चल रहे पुराने कचरे के प्रबंधन के कामों को देखा। मंत्री ने शहर की स्वच्छता बनाए रखने के लिए मानव श्रम और आधुनिक मशीनों का समुचित उपयोग करने का निर्देश दिया। उन्होंने पार्षदों से भी अपील की कि वह अपने वार्डों में कचरा प्रबंधन के लिए मशीनों का उपयोग करें। इस मौके पर महापौर सुषमा खर्कवाल, नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह, अपर नगर आयुक्त डा. अरविन्द कुमार राव सहित कई पार्षद भी मौजूद थे।
मंत्री ने कहा कि शिवरी में पिछले 10 वर्षों से लखनऊ का कचरा डंप किया जा रहा था। जिससे 18-19 लाख मीट्रिक टन का कूड़े का पहाड़ बन गया था। यह 50 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ था, जिससे आसपास के ग्रामीण इलाकों में गंदगी, दुर्गंध और मच्छरों की समस्या बनी हुई थी। साथ ही नगर निगम के लिए कचरे के उचित निस्तारण की चुनौती बढ़ रही थी। समस्या का समाधान निकालने के लिए डेढ़ वर्ष पहले 100 करोड़ रुपये की योजना बनाई गई। इस राशि से आधुनिक मशीनों और वैज्ञानिक तकनीकों का उपयोग कर कूड़ा निस्तारण का कार्य शुरू हुआ। उन्होंने कहा कि महापौर सुषमा खर्कवाल के नेतृत्व में नगर निगम की टीम ने शिवरी में उत्कृष्ट कार्य किया है। जिससे अब तक 53% यानी 10 लाख मैट्रिक टन कूड़े का निस्तारण हो चुका है।
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मंत्री ने खाली हो रही जमीनों पर इनका विकास कराने को कहा
- पार्क और उद्यान विकसित किए जाएंगे जिससे हरियाली बढ़ेगी।
- स्थानीय लोगों के लिए स्टेडियम, अस्पताल और स्कूल बनाए जाएंगे।
- नगर निगम की पुरानी मशीनें, ट्रैक्टर, ट्रॉली और डंपर भी हटाए जाएंगे, जिससे क्षेत्र साफ-सुथरा बन रहा है।
--सौर ऊर्जा संयंत्र की होगी स्थापना
--एनटीपीसी के सहयोग से 2000 टीपीडी क्षमता का वेस्ट टू एनर्जी प्लांट बनाया जाएगा
- बायो-रिमेडिएशन तकनीक से कचरे का निपटान किया जा रहा है।
- कूड़े से आरडीएफ ईंधन तैयार किया जा रहा है
- प्लांट से निकला कुछ अन्य कचरा हाईवे और नेशनल हाईवे निर्माण में इस्तेमाल किया जा रहा है।
- यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वेस्ट टू वेल्थ मिशन को साकार कर रही है।
- शिवरी प्लांट में वर्तमान में दो कूड़ा निस्तारण इकाइयां स्थापित हैं। प्रत्येक इकाई की क्षमता 700 मीट्रिक टन कचरा निस्तारित करने की है।
- तीसरी इकाई, जिसकी क्षमता भी 700 मीट्रिक टन होगी, लगभग तैयार है और जल्द ही संचालन में लाई जाएगी।
--गीले कचरे से खाद बनाई जाती है, जो मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने और फसल उत्पादन में सहायक होती है।
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