Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़लखनऊNew pension scheme will be implemented UP soon 17 lakh employees will get benefit government has started brainstorming

यूपी के 17 लाख कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, जल्द लागू होगी नई पेंशन योजना, योगी सरकार ने शुरू किया मंथन

  • केंद्र सरकार द्वारा कर्मचारियों के हितों में शुरू की गई यूनिफाइड पेंशन स्कीम को उत्तर प्रदेश में भी लागू करने की दिशा में काम शुरू हो गया है। वित्त विभाग नई पेंशन योजना पर आने वाले खर्च का आकलन करेगा और यह पता लगाएगा कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम लागू करने से सरकार के ऊपर कितना बोझ आएगा।

Dinesh Rathour हिन्दुस्तान, लखनऊ, विशेष संवाददाताSun, 25 Aug 2024 08:53 PM
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केंद्र सरकार द्वारा कर्मचारियों के हितों में शुरू की गई यूनिफाइड पेंशन स्कीम को उत्तर प्रदेश में भी लागू करने की दिशा में काम शुरू हो गया है। वित्त विभाग नई पेंशन योजना पर आने वाले खर्च का आकलन करेगा और यह पता लगाएगा कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम लागू करने से सरकार के ऊपर कितना बोझ आएगा। इसके आधार पर रिपोर्ट तैयार करते हुए उच्च स्तर से अनुमति ली जाएगी। माना जा रहा है कि इस संबंध में जल्द ही कैबिनेट प्रस्ताव लाया जा सकता है। यूपी सरकार इस संबंध में केंद्र सरकार के शासनादेश का इंतजार कर रही है, ताकि उसके अध्ययन के बाद उसे लागू किया जा सके।

उत्तर प्रदेश में वर्ष 2005 के बाद नौकरी में आने वाले राज्य कर्मियों को न्यू पेंशन स्कीम का लाभ दिया जा रहा है। प्रदेश में एक अनुमान के मुताबिक 17 लाख के आसपास राज्य कर्मचारी हैं। केंद्र सरकार ने यूनिफाइड पेंशन योजना का लाभ केंद्रीय कर्मियों को देने का फैसला किया है। राज्यों को अब इसके आधार पर फैसला लेना है कि इसे देना है या नहीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को केंद्र द्वारा जैसे ही इस योजना को मंजूरी देने के बाद तुरंत ही इसका स्वागत किया था। केंद्र के फैसले के बाद महाराष्ट्र की राज्य सरकार ने इस योजना को लागू करने का फैसला कर लिया है।

इससे माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में भी इस योजना का लाभ कर्मियों को जल्द देने फैसला किया जाएगा। वित्त विभाग इसको लेकर पड़ताल करेगा कि इस योजना को लागू करने पर कितना भार राज्य सरकार पर आएगा और मौजूदा समय न्यू पेंशन स्कीम से सरकार पर कितना भार आ रहा है। यह भी देखा जाएगा कि कितने कर्मियों ने अब तक इस योजना का लाभ ले लिया है और उनका कितना अंशदान काटा जा रहा है। इसके आधार पर वित्त विभाग एक रिपोर्ट तैयार करेगा और मुख्यमंत्री को सौंपेगा। उनकी अनुमति मिलने के बाद कैबिनेट से फैसला लिया जाएगा।

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