ऑफिस में महिलाओं की सुरक्षा पर योगी सरकार सख्त, DM-SP को लंबा आदेश, घर भी छोड़ेगी पुलिस
कोलकाता रेप कांड के बाद महिलाओं की सुरक्षा को लेकर यूपी सरकार ने सख्ती दिखाई है। इसको लेकर सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। यूपी सरकार ने सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में काम करने वाली महिला कर्मचारियों से संस्थान में तय समय से ज्यादा काम न लिए जाने के आदेश जारी किए हैं।
कोलकाता रेप कांड के बाद महिलाओं की सुरक्षा को लेकर योगी सरकार ने सख्ती दिखाई है। महिलाओं की सुरक्षा को देखते हुए योगी सरकार ने सभी सरकारी और प्राइवेट संस्थानों में सीसीटीवी लगाने का आदेश जारी किया है। साथ ही अफसरों को भी सख्त निर्देश दिए गए हैं। अपर मुख्य सचिव गृह दीपक कुमार ने मण्डलायुक्तों, पुलिस कमिश्नर, डीएम और एसपी को भेजे पत्र में कहा है कि महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न होने पर सख्त कार्रवाई की जाए। आदेश में कहा गया है कि सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में काम करने वाली महिला कर्मचारियों से संस्थान में तय समय से ज्यादा काम न लिया जाए। साथ ही उनकी सुरक्षा के लिए दफ्तरों में पुख्ता इंतजाम करने की गाइडलाइन भी जारी की है। एसीएस ने अफसरों को भेजे पत्र में कहा है, रात में घर आने वाली महिला कर्मचारियों को इमरजेंसी पड़ने पर पुलिस वाहन (पीआरवी) से घर पहुंचाने की व्यवस्था की जाए।
अपर मुख्य सचिव गृह दीपक कुमार ने कहा कि मिशन शक्ति के तहत महिलाओं की सुरक्षा व सम्मान के लिये अभियान पहले से चल रहा है। इसी कड़ी में अफसरों से कहा गया है कि रात में आने-जाने वाले रास्तों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हो। महिला हेल्पलाइन 112, 1090 का प्रसार हो। सुरक्षा के अन्य इंतजाम जरूर किए जाएं। महिलाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जाये।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि कई प्रदेशों में महिलाओं के स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाता है। ऐसी व्यवस्था यहां भी होनी चाहिये। पत्र के जरिये यह भी बताया गया कि किस किस तरह की हरकत यौन उत्पीड़न में आती है। अस्पतालों में काम करने वाली महिलाओं के साथ हिंसा पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। यह भी कहा कि विपरीत परिस्थितियों में गर्भपात करने वाले डॉक्टरों को जरूरत पड़ने पर उनकी सुरक्षा के भी इंतजाम किए जाएं। कार्यालय में इनके लिए अल्प विश्राम कक्ष की व्यवस्था होनी चाहिये।
महिला अस्पताल कर्मियों से हिंसा पर हो सख्त कार्रवाई
अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि कई प्रदेशों में महिलाओं के स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाता है। ऐसी व्यवस्था यहां भी होनी चाहिए। पत्र के जरिये यह भी बताया गया कि किस-किस तरह की हरकत यौन उत्पीड़न में आती है। अस्पतालों में काम करने वाली महिलाओं के साथ हिंसा पर सख्त कार्रवाई हो। यह भी निर्देश दिए कि विपरीत परिस्थितियों में गर्भपात करने वाले डॉक्टरों को जरूरत पड़ने पर उनकी सुरक्षा के भी इंतजाम किए जाएं। कार्यालय में इनके लिये अल्प विश्राम कक्ष की व्यवस्था होनी चाहिए।
परिवहन सेवायें सुरक्षित रहें
अपर मुख्य सचिव ने मातहतों से कहा है कि परिवहन सेवाओं को सुरक्षित रखना जरूरी है। कैब व अन्य शटल सेवाओं की अच्छी व्यवस्था हो ताकि महिला कर्मचारी बिना किसी डर के काम पर आ-जा सकें।
सुरक्षित स्टापेज बनाए जाएं
परिवहन निगम की बसों व निजी टैक्सियों के लिए सुरक्षित स्टापेज चिन्हित किए जाएं । यहां पर जरूरी प्रकाश व्यवस्था और सीसी कैमरे लगे हों। होटलों, कॉल सेंटर, मॉल, सिनेमा हॉल, रेलवे और बस स्टेशनों पर भी महिलाओं की सुरक्षा के जरूरी इंतजाम होने चाहिएं। जहां महिलाओं की सुरक्षा को खतरा हो, उन्हें हॉट स्पॉट चिन्हित किया जाए। इन स्थानों पर रात में यूपी-112 और संबंधित थानों की पुलिस की नियमित गश्त जरूर करे। इमरजेंसी नम्बर सब जगह पर प्रसारित किए जाएं। यहां पर 24 घंटे नामित अधिकारी तैनात हों।
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