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धान के गबन में योगी सरकार का एक्शन, पीसीएफ के क्षेत्रीय प्रबंधक समेत पांच अधिकारी सस्पेंड

यूपी के बस्ती में धान गबन मामले में योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। सरकार ने पीसीएस के प्रबंध निदेशक समेत पांच अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। एक साथ पांच अधिकारियों के सस्पेंशन के बाद विभाग में हड़कंप मच गया।

Dinesh Rathour हिन्दुस्तान, बस्तीThu, 22 Aug 2024 07:27 PM
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यूपी में खरीद एजेंसियों द्वारा धान की खरीद कर उसे मिल को न देने के मामले में योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। धान गबन में प्रबंध निदेशक संजय कुमार ने पीसीएफ के क्षेत्रीय प्रबंधक समेत पांच अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। बस्ती मंडल में करीब 20 करोड़ का धान गबन पाया गया। हालांकि, अधिकारियों के प्रयास से लगभग 17 करोड़ रुपये की रिकवरी हो चुकी है।

शासन के निर्देश पर खरीदा गया धान 30 जून तक सभी समितियों को अनुबंधित मिलों तक पहुंचाना था। बस्ती की 17 समितियों ने धान समय से नहीं पहुंचाया। इसी दौरान एफसीआई ने धान जमा करने की तिथि 31 जुलाई तक बढ़ा दी। शर्त रखी कि वही धान जमा किया जाएगा, जो मौके पर होगा। साथ ही एफसीआई ने सत्यापन के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित की। इसमें एफसीआई, खाद्य विभाग और पीसीएम के एक-एक अधिकारी शामिल किए गए। 

सत्यापन टीम ने रिपोर्ट दी कि जांच के दौरान सभी समितियां बंद मिलीं। इनमें बीपैक्स की आठ, क्रय-विक्रय सहकारी और डीसीएफ की दो-दो, केंद्रीय उपभोक्ता समिति की चार और सहकारी संघ की एक समिति समेत बस्ती की 17 समितियां शामिल रहीं। टीम ने रिपोर्ट में कहा कि समितियां बंद मिलने से स्पष्ट है कि उनके पास कोई धान नहीं है। सभी समितियों को प्रशासनिक चार्ज के साथ धान मूल्य तत्काल जमा करना होगा। हालांकि, समितियों व खरीद एजेंसियों के कुछ प्रभारियों ने आरोप लगाया कि सत्यापन टीम उनके गोदाम नहीं पहुंची और कमरे में बैठकर रिपोर्ट लगा दी।

एमडी संजय कुमार ने इसमें अधिकारियों की लापरवाही मानी और बस्ती मंडल के क्षेत्रीय प्रबंधक पीसीएफ चंद्रशेखर, बस्ती के जिला प्रबंधक अमित कुमार, बस्ती के लेखाकार आशीष, सिद्धार्थनगर के जिला प्रबंधक अमित कुमार, लेखाकार और संतकबीरनगर के लेखाकार कम जिला प्रबंधक मुनेश्वर प्रसाद को निलंबित कर दिया है।

सात समतियों पर दर्ज हो चुका है गबन का मुकदमा

बस्ती की 17 समितियों के पास 2542 एमटी धान होना पाया गया। प्रशासनिक चार्ज के साथ इसकी कीमत पांच करोड़ 72 लाख 36 हजार रुपये हुई। सहकारिता के अधिकारियों ने यह रकम जमा कराने का प्रयास किया और तीन करोड़ 70 लाख 58 हजार 370 रुपये जमा हो गए। अभी भी दो करोड़ 21 लाख 78 हजार 252 रुपये शेष हैं, जिसे जमा कराने की प्रक्रिया चल रही है। इनमें से सात समितियों के खिलाफ गबन का मुकदमा भी दर्ज कराया जा चुका है। एक बीपैक्स समिति रामगढ़ ने बकाया सारी धनराशि 14 लाख 73 हजार 310 रुपये जमा करा दी है। एआर कोआपरेटिव आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि बकाया धनराशि जमा कराने का प्रयास किया जा रहा है। आरोपियों के खिलाफ आरसी जारी कराई जा रही है।

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