देश भर के 3280 लोको पायलटों ने लगातार 5 रात तक चलाई ट्रेन, अलर्ट सिस्टम न होने से हुई चूक
- रेलवे के 3280 लोको पायलटों को लगातार पांच रात या उससे अधिक समय तक ट्रेन चलानी पड़ी। जबकि रेलवे संरक्षा नियमों के अनुसार रनिंग स्टाफ से अधिकतम चार रात तक ही लगातार ड्यूटी कराई जा सकती है। खुलासा होने पर रेलवे बोर्ड ने सेंटर फॉर रेलवे इंफार्मेशन सेंटर (क्रिस) को हिदायत दी है।
Railway News: रेलवे के 3280 लोको पायलटों को लगातार पांच रात या उससे अधिक समय तक ट्रेन चलानी पड़ी। जबकि रेलवे संरक्षा नियमों के अनुसार रनिंग स्टाफ से अधिकतम चार रात तक ही लगातार ड्यूटी कराई जा सकती है। इस चूक का खुलासा होने पर रेलवे बोर्ड ने सेंटर फॉर रेलवे इंफार्मेशन सेंटर (क्रिस) को हिदायत दी है। बोर्ड क्रिस को अपने सिस्टम में अलर्ट सिस्टम बनाने के निर्देश दिए हैं। रेलवे बोर्ड द्वारा 26 दिसंबर को जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि अक्तूबर में 1360, नवंबर में 1224 और 25 दिसंबर तक 696 रेल चालकों ने लगातार पांच रात या उससे अधिक समय तक ड्यूटी की।
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रेल चालकों की ड्यूटी को लेकर आती है दिक्कत
रेलवे के 3280 लोको पायलटों को लगातार पांच रात या उससे अधिक समय तक ट्रेन चलानी पड़ी। जबकि रेलवे संरक्षा नियमों के अनुसार रनिंग स्टाफ से अधिकतम चार रात तक ही लगातार ड्यूटी कराई जा सकती है। इस चूक का खुलासा होने पर रेलवे बोर्ड ने सेंटर फॉर रेलवे इंफार्मेशन सेंटर (क्रिस) को हिदायत दी है। इस बारे में ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के विनय शर्मा का कहना है कि लगातार रात्रि ड्यूटी को लेकर कई बार दिक्कत आई है। इस मामले को संगठन लगातार उठाता भी रहा है। बावजूद इसके पांच रात या उससे अधिक समय तक ड्यूटी कराई जा रही है। अब बोर्ड ने सख्ती की है तो इस लापरवाही और मनमानी पर अंकुश की उम्मीद जगी है।
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लगातार नाइट ड्यूटी संरक्षा के लिहाज से ठीक नहीं
पूर्व मुख्य परिचालन प्रबंधक राकेश त्रिपाठी का कहना है कि संरक्षा मानकों के अनुरूप ही ड्यूटी होनी चाहिए। रनिंग स्टाफ के लिए लगातार चार रात तक ही ड्यूटी कराए जाने का प्रावधान है।