वकील को आया डिजिटल अरेस्ट वालों का फोन, छह मिनट हुई बात; उल्टा पड़ गया जालसाज का दांव
- वकील कुश कुमार सिंह ने डिजिटल अरेस्ट वालों को अपनी सतर्कता से नाकाम कर दिया। वकील से जालसाज को रुपए तो नहीं ही मिले वह वायरल भी हो गया। डिजिटल अरेस्ट के लिए फोन करने वाले ने वकील को बेटे के रेप केस में फंसने की झूठी जानकारी दी थी। डीपी पर एक पुलिस अफसर की फोटो लगी थी।
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Digital arrest: डिजिटल अरेस्ट करके लोगों से रुपयों की भारी वसूली की खबरें आती रहती हैं। यूपी पुलिस लोगों को सचेत करने के लिए लगातार अभियान भी चला रही है लेकिन इस बीच गोरखपुर के एक वकील ने डिजिटल अरेस्ट वालों को अपनी सतर्कता से नाकाम कर दिया। करीब छह मिनट हुई बातचीत में वकील बिल्कुल नहीं घबराए बल्कि जालसाज को अपनी बातों में घेरते रहे। जालसाज को रुपए तो नहीं ही मिले उसका दांव उल्टा पड़ गया। इसके बाद उसकी बातचीत वायरल भी हो गई। डिजिटल अरेस्ट के लिए फोन करने वाले ने वकील को बेटे के रेप केस में फंसने की झूठी जानकारी दी थी। बातचीत के अंत में जब वकील ने जालसाज को बताया कि उनके बेटे की उम्र सिर्फ दो साल है तो वह अपना आपा खो बैठा। जालसाज ने जिस नंबर से फोन किया था उसकी डीपी पर एक पुलिस अफसर की फोटो लगी थी। इसके बावजूद वकील किसी झांसे में नहीं आए। उन्होंने जालसाज को नाकाम कर दिया। उनकी सतर्कता की वजह से जालसाज का दांव उल्टा पड़ गया।
गोरखपुर दीवानी कचहरी में प्रैक्टिस करने वाले वकील कुश कमार सिंह ने जालसाज की रिकॉर्डिंग का पूरा वीडियो वायरल कर दिया। इसमें फोन आते ही दूसरी तरफ से कोई शख्स कहता है, 'मैं बताता हूं कि मैटर क्या है और किसी मैटर में आपका बेटा अरेस्ट हुआ है?' इसके बाद वह शख्स वकील से बेटे की बात कराने की बात करता है लेकिन दूसरी तरफ से किसी की पिटाई और रोने की आवाज ही आती है।
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इसके बाद वह शख्स खुद को एसएचओ रवि चौहान बताते हुए कहता है कि यदि आपको अपने बेटे को छुड़ाना है, उसका भविष्य बचाना है तो अभी मेरे साथ सात-आठ कांस्टेबल हैं। इनका खर्चा-पानी लगेगा। आपके बेटे को सुरक्षित रिलीज कर दूंगा। इस पर वकील कहते हैं कि जहां कहिए वहां आ जाता हूं। बैठकर बात हो जाएगी। इस पर वह शख्स फिर कहता है कि आने और मिलने के लिए टाइम चाहिए। हमारे कमिश्नर साहब कह रहे हैं कि लड़के को लेकर आगे आओ। आपको 80 हजार पेमेंट करना पड़ेगा। इसके बाद वह शख्स पूछता है कि गूगल पे और फोन पे करते हैं आप? मुझे बताइए कि आपके अकाउंट में कितना है। वह शख्स बार-बार वकील से अपने आसपास के लोगों से अलग होने की बात कहता है।
इस बीच वह शख्स वकील को एक नंबर नोट कराता है। वह गूगल पे या फोन पे नंबर डालकर चेक करने को कहता है। लेकिन इस पर वकील उस शख्स से कहते हैं कि लग रहा है कि ऑनलाइन पेमेंट नहीं हो पाएगा। आप बताइए कहां पर हैं वहां पर मैं आकर कैश दे देता हूं। इसके बाद वकील ने उस शख्स को बताया कि मेरे बेटे की उम्र दो साल है। इस पर वह शख्स गाली-गलौच पर उतर आया। इस तरह डिजिटल अरेस्ट का उस शख्स का प्रयास पूरी तरह नाकाम हो गया।
शेयर में रुपए लगाने के नाम पर 12 लाख की जालसाजी
वहीं गोरखपुर के ही एक अन्य मामले में शेयर में रुपए लगाने का झांसा देकर 12 लाख रुपए की जालसाजी हो गई। गोरखपुर के गोरखनाथ क्षेत्र के रहने वाले अभिषेक जायसवाल को ग्रुप से जोड़कर ये जालसाजी की गई। इस ग्रुप में एडमिन की ओर से रोज शेयर ट्रेडिंग की जानकारी दी जाती थी।