Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Lakhimpur Kheri hinsa case Supreme Court seeks report from police on allegations against former minister son Ashish Mish

लखीमपुर खीरी केस: पूर्व मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा के खिलाफ आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस से मांगी रिपोर्ट

  • सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश पुलिस से उन आरोपों पर रिपोर्ट मांगी है, जिनमें कहा गया है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में गवाहों को प्रभावित कर रहे हैं।

Dinesh Rathour नई दिल्ली, भाषाMon, 20 Jan 2025 02:41 PM
share Share
Follow Us on
लखीमपुर खीरी केस: पूर्व मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा के खिलाफ आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस से मांगी रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश पुलिस से उन आरोपों पर रिपोर्ट मांगी है, जिनमें कहा गया है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में गवाहों को प्रभावित कर रहे हैं। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने लखीमपुर खीरी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) को तथ्यान्वेषी जांच के बाद अदालत में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। मिश्रा ने अपने हलफनामे में आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि जब भी मामला अदालत के समक्ष सूचीबद्ध होता है, तो शीर्ष अदालत द्वारा दी गई उनकी जमानत को रद्द करने के लिए इस तरह के दावे किए जाते हैं।

शिकायतकर्ताओं की ओर से पेश हुए वकील प्रशांत भूषण ने दावा किया कि उनके पास मामले में महत्वपूर्ण गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश से जुड़ी एक 'ऑडियो रिकॉर्डिंग' है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मिश्रा ने जमानत शर्तों का उल्लंघन करते हुए एक जनसभा में हिस्सा लिया था। मिश्रा की जमानत रद्द करने का अनुरोध करते हुए भूषण ने कहा कि अदालत उसके समक्ष पेश की गई सामग्री की प्रामाणिकता की जांच कर सकती है। मिश्रा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे ने भूषण की दलील का विरोध करते हुए कहा कि उनके मुवक्किल को बेवजह निशाना बनाया जा रहा है।

उन्होंने यह भी कहा कि उक्त जनसभा के दिन उनके मुवक्किल दिल्ली में लोकसभा सचिवालय में थे। पीठ ने भूषण और दवे से कहा कि वे अपनी सामग्री उत्तर प्रदेश सरकार की स्थायी वकील रुचिरा गोयल को सौंप दें, ताकि इसे लखीमपुर खीरी के एसपी को सौंपा जा सके। पीठ ने मामले में आगे की आगे की सुनवाई के लिए चार सप्ताह बाद की तारीख तय की। उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल 22 जुलाई को मिश्रा को जमानत दी थी।

बतादें कि तीन अक्टूबर, 2021 को लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के क्षेत्र के दौरे के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन के दौरान चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी। एक स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहन (एसयूवी) से चार किसानों को कुचल दिया गया था। इसके बाद गुस्साए किसानों ने एक चालक और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत हो गई थी।

अगला लेखऐप पर पढ़ें