Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Kotwal who did not listen to the e rickshaw driver is also suspended, till now action has been taken against four police

ई-रिक्शा चालक की नहीं सुनने वाला कोतवाल भी निलंबित, अब तक चार पुलिस वालों पर एक्शन

बदायूं में एसएसपी दफ्तर में आत्मदाह की कोशिश की घटना में एसएसपी डॉ. बृजेश सिंह ने अब सदर कोतवाल को भी निलंबित कर दिया है। उन पर आरोप है कि ई-रिक्शा चालक के साथ पूर्व में हुईं घटनाओं को कोतवाल ने हल्के में लिया। उसकी सुनवाई नहीं की गई।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तानFri, 3 Jan 2025 06:17 PM
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बदायूं में एसएसपी दफ्तर में आत्मदाह की कोशिश की घटना में एसएसपी डॉ. बृजेश सिंह ने अब सदर कोतवाल को भी निलंबित कर दिया है। उन पर आरोप है कि ई-रिक्शा चालक के साथ पूर्व में हुईं घटनाओं को कोतवाल ने हल्के में लिया। उसकी सुनवाई नहीं की गई। इसी कारण यह नौबत आई कि उसने खुद को आग लगा ली। इससे पहले एसएसपी ने पुलिसलाइन के गणना कार्यालय के मेजर को हटाने के साथ ही तीन सिपाहियों सोनू कुमार, अर्जुन सिंह व दक्ष चौधरी को निलंबित कर दिया था।

एसएसपी ने बताया कि शहर के नई सराय मोहल्ले में रहने वाले गुलफाम ने बुधवार दोपहर ऑफिस परिसर में केरोसिन डालकर खुद को आग लगा ली थी। इस मामले की जांच कराई तो सामने आया कि 25 दिसंबर को भी गुलफाम का उसके ससुरालियों से विवाद हुआ था। उसने आरोप लगाया था कि ससुरालियों ने उसे चाकू मारा है। मामले की शिकायत सदर कोतवाली में की थी लेकिन कोतवाल ने मामले को हल्के में लिया। इसके बाद 30 दिसंबर को पुन उसे बंधक बनाने की घटना हुई थी। ससुराल पक्ष का कहना था कि वो जबरन घर में घुस आया। उस वक्त भी कोतवाल ने गुलफाम की सलहज की ओर से एफआईआर लिख ली लेकिन कार्रवाई नहीं की गई।

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बुधवार को शहर कोतवाली के नई सराय के रहने वाले ई-रिक्शा चालक गुलफाम ने पुलिस ऑफिस पहुंचकर आत्मदाह करने का प्रयास किया था। गुलफाम ने जैसे ही आग लगाकर आत्मदाह का प्रयास किया था। आग की चपेट में आने से गंभीर रूप से झुलस गया था। उसे पहले जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां हालत गंभीर होने पर बरेली के श्री राम मूर्ति मेडिकल कॉलेज बरेली में भर्ती कराया गया है।

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एसपी सिटी से कराई थी पूरे मामले की जांच

गुलफाम के मामले में एसपी सिटी से जांच कराई व इसके बाद उनकी रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की गई है। इसकी जांच एसपी सिटी के स्तर से हो रही है। कोतवाल की लापरवाही किस स्तर पर और रही, यह जांच एसपी देहात केके सरोज को सौंपी गई है। इधर, गुलफाम की हालत अभी भी गंभीर है। कहने को डॉक्टर उसके 50 प्रतिशत झुलसने की बात कह रहे हैं लेकिन बरेली में उसकी स्थिति गंभीर है।

झुलसे युवक के मजिस्ट्रेट ने लिये बयान

पुलिस कार्यालय पर बुधवार को गुलफाम ने आत्मदाह का प्रयास किया। इसके बाद झुलसे गुलफाम को जिला पुरुष अस्पताल में भर्ती कराया गया और उसके बाद गंभीर हालत पर बरेली के एसआरएमएस मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया। इसके बाद बुधवार की देररात को बरेली सदर तहसील के नायब तहसीलदार विदित कुमार और सीओ मेडिकल कॉलेज पहुंचे। यहां घायल युवक के बयान दर्ज किए। मजिस्ट्रेट विदित कुमार ने 164 के कलमबंद बयान दर्जकर बदायूं जिला प्रशासन को भेजा है।

मां चिखती रही, आग की लपटों में कराहता रहा बेटा

खुद को आग लगाने के बाद हालत बेहद फयावह थे। बेबस मां चीखती-चिल्लाती रही, जबकि उसका बेटा आग की लपटों से घिरा कराहता रहा था। पुलिसकर्मी हों या फरियादी, हर कोई इसी कोशिश में था कि किसी तरह आग पर काबू पाया जाए। इसके लिए जहां एक तरफ पुलिसकर्मी शॉल से आग बुझाता रहा, वहीं एक फरियादी भी अपनी शॉल उतारते हुए उसकी ओर भागा। सीओ उझानी शक्ति सिंह भी दौड़ते हुए पहुंचे और अपनी जैकेट उतारकर उसी से आग पर काबू पाने की कोशिश शुरू कर दी। तकरीबन एक मिनट में आग पर काबू पा लिया गया और झुलसे युवक को एसएसपी एस्कार्ट वाली गाड़ी में डालकर अस्पताल की ओर अफसर रवाना भी हो गए।

रो-रोकर सुनाई कहानी, लगाए गंभीर आरोप

युवक ने जिला अस्पताल में रो-रोकर पूरी कहानी सुनाई और आरोप लगाए। आरोप कितने सहीं है और कितने गलत, ये तो जांच में साफ होगा लेकिन युवक का कहना था कि 30 दिसंबर 2024 को मेरे साथ घटना हुई। मेरा ई रिक्शा, मोबाइल फोन और 22 सौ रुपए छीन लिए मुलजिमों ने। मुलजिमों के नाम निहाल, मुनाजिर, शाकिर, आदि और मोहल्ले का वार्ड मेंबर, और भी लोग शामिल थे। सभी ने मेरा ई रिक्शा आदि छीनकर घर में बंधक बना दिया। इसकी शिकायत थाने में की लेकिन थाने ने मदद नहीं की।

थाने वालों ने मेरे ऊपर ही दबाव बनाया। नगर विधायक महेश चंद्र गुप्ता जी ने कोतवाल के हाथ बांध दिए अपना फोन करके। क्षेत्राधिकारी संजीव कुमार ने दबाव बनाया, कहा कि दो किलो डोडा पाउडर में जेल भेज देंगे। पुलिस ने मुझे बेबस कर दिया। मजबूरी में एसएसपी ऑफिस में ऐसा करना पड़ा।

वहीं सीओ सिटी संजीव कुमार का कहना है कि युवक का दिमागी संतुलन बिगड़ा हुआ है। ससुरालियों पर पांच मुकदमे दर्ज कराये थे। इसके खिलाफ दो ससुरालियों ने दर्ज कराये थे। 30 दिसंबर को दर्ज कराये गये मुकदमे में कार्रवाई के डर से ज्यादा ही विचलित था। इस मामले में लगाए गए आरोपों में कोई भी सच्चाई नहीं है।

क्या आरोप

गुलफाम को नई सराय से ससुराली उठाकर ले गए और उसके साथ मारपीट की तथा बंधक बनाकर भी रखा था। इतना ही नहीं उसका ई-रिक्शा भी छीन लिया गया इसके बाद से वह परेशान हो गया। इस तरह की प्रताड़ना झेलने के बाद भी पुलिस ने एक बार नहीं सुनी, पीड़ित को उलटा पुलिस धमकाती रही और झूठा मुकदमा में फंसाकर जेल भेजने की बात करती रही। बंधक बनाने और पीटकर ई-रिक्शा छीनने का ससुराली व सभासद पति पर आरोप है।

शहर कोतवाली के मोहल्ला नई सराये निवासी गुलफाम ने आत्मदाह का प्रयास करने के बाद हकीकत जिला अस्पताल में खोल दी। जिला अस्पताल में उपचार के दौरान बयान दिया और कहा कि 30 दिसंबर को सुबह पौने नौ बजे निहाल, मुनाजिद सहित तीन लोग और रफीकउद्दीन शेख उर्फ छोटा सभासद उसको नई सराय से उठाकर ले गए। नई सराय नई बस्ती कच्ची लीक पर अपने यहां ले जाकर उसके साथ मारपीट की और प्रताड़ित किया तथा उसका ई-रिक्शा छीन और मोबाइल व 22 सौ रुपये भी छीन लिया।

वहीं गुलफाम की बहन नन्हीं ने भी आरोप लगाया, ई-रिक्शा व मोबाइल और रुपये छीनने वाले तथा उसके साथ मारपीट करने वाले कोई और नहीं हैं उनके ससुराली हैं और छोटा सभासद हैं। जिनके द्वारा बार-बार प्रताड़ित किया गया। छोटा सभासद ने राजनीतिक दवाब विधायक महेश चंद्र गुप्ता से ढलवाया इसीलिए पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। गुलफाम ने आरोप लगाया, सीओ सिटी संजीव कुमार कार्रवाई की जगह उसे डोडा में गिरफ्तार कर जेल भेजे की धमकी दे रहे थे। एसएसपी ने कार्रवाई की बात कही।

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