चंदन को न्याय के लिए भाई ने छोड़ी नौकरी, कासगंज से एटा फिर लखनऊ तक घिसता रहा चप्पल
चंदन के भाई विवेक ने अदालत में पैरवी के लिए अपनी नौकरी तक छोड़ दी। पहले कासगंज कोर्ट, फिर एटा और उसके बाद लखनऊ की एनआईए कोर्ट तक पहुंचे मामले में लगातार पैरवी करता रहा और चप्पलें घिसता रहा।
यूपी के कासगंज में गणतंत्र दिवस के मौके पर निकली तिरंगा यात्रा के दौरान 2018 में चंदन गुप्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। शुक्रवार को लखनऊ में एनआईए की विशेष अदालत ने सभी 28 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनी दी। परिवार के संघर्षों के बाद छह साल 11 महीने बाद चंदन के हत्यारों को सजा मिली है। चंदन के भाई विवेक ने अदालत में पैरवी के लिए अपनी नौकरी तक छोड़ दी। पहले कासगंज कोर्ट, फिर एटा और उसके बाद लखनऊ की एनआईए कोर्ट तक पहुंचे मामले में लगातार पैरवी करता रहा और चप्पलें घिसता रहा।
चंदन को न्याय दिलाने में परिवार और भाई विवेक के सामने आर्थिक दिक्कतें भी आईं लेकिन उसने हौसला नहीं खोया। पिता सुशील गुप्ता ने कहा कि विवेक नौकरी नहीं छोड़ता तो किसी कंपनी में मैनेजर की पोस्ट पर होता। कासगंज से लेकर लखनऊ की एनआईए कोर्ट में हर तारीख पर जाता रहा। गुरुवार को जब अदालत सभी आरोपियों को दोषी ठहरा रही थी तब भी विवेक लखनऊ में था।
चंदन के पिता ने कहा कि आरोपी ताकतवर थे। परिवार को लगातार धमकियां मिलती रहीं। धमकियों के साथ प्रलोभन भी दिया गया लेकिन बेटे विवेक ने अपने भाई चंदन को न्याय दिलाने के लिए हर मुसीबत सही। उन्होंने कहा कि इस दौरान परिवार के लिए जान का भी खतरा बना रहता था।
मां दोषियों को सजा के बाद ग्रहण करेंगी अन्न-जल
एनआईए कोर्ट के द्वारा चंदन हत्याकांड में आरोपियों को गुरुवार को दोषी ठहराए जाने के बाद मां संगीता गुप्ता ने घर में अखंड ज्योति जला ली थी। उन्होंने प्रण किया कि दोषियों को सजा होने के बाद ही अन्न व जल ग्रहण करेंगी।
मां संगीता गुप्ता अदालत के फैसले के बाद भावुक हो गईं। बेटे चंदन की तस्वीर अपनी गोद में रखकर बोलीं गत 19 दिसंबर को सपने में आया था चंदन। घर के दरवाजे के पास खड़ा था। इतना कहकर संगीता की आंखों में आंसू भर आए। संगीता बोलीं कि बेटे की हत्या के बाद हर रात जागकर ही कटती है। नजरें कोर्ट पर ही लगी रहतीं थीं। अब थोड़ी राहत मिली है।
दोषियों को सजा के बाद मां संगीता व पिता सुशील गुप्ता की आंखें भर आईं। पिता सुशील ने कहा कि परिवार ने चंदन को न्याय दिलाने के लिए काफी संघर्ष किया है। कोर्ट के फैसले से परिवार को राहत मिली है। हालांकि वह चाहते थे कि दोषियों को फांसी की सजा मिले।
अक्तूबर 2024 से लगातार हो रही थी सुनवाई
कासगंज कोर्ट से यह मामला सुनवाई के लिए एटा स्थानांतरित हुआ और उसके बाद नौ जून 2022 को लखनऊ की एनआईए कोर्ट पहुंच गया। अक्तूबर 2024 से लगातार सुनवाई होने के बाद गुरुवार को एनआईए कोर्ट ने 28 आरोपियों को दोषी ठहराया था।
क्या हुआ था 26 जनवरी 2018 को
तारीख 26 जनवरी, 2018 को जब पूरा देश हर्षोल्लास से गणतंत्र दिवस मना रहा था। कासगंज की सोरों स्थित पुलिस लाइन में पुलिस परेड व सांस्कृतिक आयोजन हो रहे थे। ऐसे में कुछ युवा हाथों में राष्ट्रीय ध्वज के साथ तिरंगा यात्रा लेकर शहर में घूम रहे थे।
सुबह 10 बजे बाइकों पर तिरंगा यात्रा बड्डू नगर पहुंची। यहां कुछ लोगों ने नारेबाजी और यात्रा का विरोध किया। इस पर वहां नोकझोंक हुई। इसी दौरान पथराव भी हुआ। इसी दौरान चंदन गुप्ता उर्फ अभिषेक भी साथियों के साथ तहसील रोड पर तिरंगा यात्रा निकाल रहा था तो राजकीय बालिका इंटर कालेज के सामने से पथराव व फायरिंग शुरू हो गई। फायरिंग में एक गोली चंदन गुप्ता को लगी। उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
चंदन की मौत की खबर पूरे जिले में आग की तरह फैल गई। हिंदूवादी संगठनों के नेता एकत्र हो गए और शहर में तनाव बढ़ना शुरू हो गया। संगठनों ने चंदन गुप्ता की हत्या के बाद न्याय को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। पुलिस ने चंदन के पिता की तहरीर पर 22 नामजद व अज्ञात लोगों के विरुद्ध हत्या व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज करा दिया। पुलिस ने भी हिंसा के मामले में दो मामले दर्ज किए। चंदन की हत्या के बाद तनाव बढ़ते ही अचानक हिंसा व आगजनी शुरू हो गई। नदरई गेट हाईवे पर खड़ी बस को अराजक तत्वों ने आग लगा दी। शहर में व बाहरी क्षेत्रों में आगजनी की वारदातें हुईं।