छात्राओं पर जुल्म बरपाने वाली वार्डन बर्खास्त, तीन दिन पहले वायरल हुआ था वीडियो
गोरखपुर में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में छात्राओं की पिटाई करने की आरोपी वार्डन अर्चना पाण्डेय की संविदा समाप्त कर दी गई। 3 दिन पहले वार्डन द्वारा छात्राओं की पिटाई का वीडियो वायरल हुआ था।
Action against warden of kasturba gandhi balika Vidyalaya: गोरखपुर में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में छात्राओं की पिटाई करने की आरोपी वार्डन अर्चना पाण्डेय की संविदा सोमवार को समाप्त कर दी गई। तीन दिन पहले वार्डन द्वारा छात्राओं की पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बीएसए ने संज्ञान लेते हुए जांच का आदेश दिया था। जांच रिपोर्ट में वार्डन को दोषी पाया गया है। छात्राओं ने रोस्टर के अनुसार भोजन न मिलने, जरूरत की वस्तुओं को देने से मना करने, अपशब्दों का प्रयोग करने, कैमरा बंद करके शौचालय सहित पूरे स्कूल की सफाई कराने की शिकायत की थी। जिसके बाद वार्डेन ने उन्हें डंडे से पीटा था।
शनिवार को इस घटना की जानकारी मिलने के बाद बीएसए ने वार्डन से छह बिंदुओं पर जवाब मांगा था। सोमवार को आरोपी वार्डन ने बीएसए के समक्ष आकर स्पष्टीकरण दिया। स्पष्टीकरण के आधार पर दोष सिद्ध होने पर बीएसए ने वार्डन की संविदा समाप्त कर दी और उसे विद्यालय से बाहर कर दिया। हालांकि, वीडियो को सत्य मानते हुए भी बीएसए की कार्रवाई में तीन दिन की देरी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्रशासनिक तंत्र में संवेदनशीलता की कमी पर उठे सवाल इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि शिक्षा संस्थानों में बच्चियों की सुरक्षा को लेकर शिक्षा विभाग कितना लापरवाह है। वार्डन की पिटाई के बावजूद तीन दिनों तक उन्हें वहीं बने रहने दिया गया, जिससे स्पष्ट होता है कि प्रशासनिक तंत्र में संवेदनशीलता की कमी है। लोगों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। लोगों का कहना है कि यह घटना न केवल शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि किस प्रकार से बच्चों के अधिकारों की अनदेखी की जाती है। प्रशासन को चाहिए कि वह तत्काल प्रभाव से ऐसी घटनाओं पर संज्ञान ले और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करे, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं न हों।
बीएसए बोले-मामले को ‘यूक्रेन युद्ध’ जैसा बना दिया
घटना के बाद, तीन दिनों तक वार्डन उन्हीं सहमी हुई छात्राओं के बीच रही, जिन्होंने उसके अत्याचार का सामना किया था। इस दौरान, छात्राओं में डर और भय का माहौल व्याप्त रहा। तीसरे दिन, जब इस मामले पर बीएसए रामेंद्र कुमार सिंह से बात की गई, तो उन्होंने मामले की गंभीरता को कमतर आंकते हुए कहा, यह इतना बड़ा मामला तो नहीं है, आप लोग इसे यूक्रेन जैसी बड़ी घटना जानबूझकर बना रहे हैं। बीएसए को उन छात्राओं के शरीर पर पिटाई के बाद उभरे घाव नजर नहीं आए, यह टिप्पणी उनकी संवेदनहीनता को दर्शाता है।
क्या बोले बीएसए
बीएसए रामेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि वायरल वीडियो सामने आने के बाद सभी आवश्यक प्रक्रियाओं से गुजरते हुए जांच टीम ने तथ्यों को इकट्ठा किया। इसके आधार पर दोषी के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई। उच्च अधिकारियों की संस्तुति मिलने के बाद वार्डन की संविदा समाप्त कर दी गई है। ऐसे मामलों में समय लगता है।