बोले कानपुर : नर्क बने टॉयलेट, लाइटें पड़ीं खराब, चकरपुर मंडी में कुछ तो करें जनाब
Kanpur News - कानपुर की चकरपुर स्थित सब्जी मंडी में स्वच्छता की कमी है, जबकि पीएम स्वच्छता के लिए प्रेरित कर रहे हैं। मंडी में 10000 लोगों का आना-जाना होता है, लेकिन टॉयलेट और अन्य सुविधाओं की कमी है। आढ़तियों को...
देश स्वच्छता की अलग जगा रहा है। खुद प्रधानमंत्री लोगों को स्वच्छता के लिए प्रेरित कर रहे हैं, लेकिन एक दशक में कानपुर की चकरपुर स्थित सब्जी मंडी स्वच्छता की अलख से अछूती रह गई। यही वजह है कि जिस मंडी में 24 घंटे करीब 10000 लोगों का आना-जाना रहता है। वहां गंदगी का अंबार है। टॉयलेट तक की उचित व्यवस्था नहीं है। यह हाल तब है जब कृषि उत्पादन मंडी परिषद को हर साल सब्जी आढ़ती 30 करोड़ रुपये मंडी शुल्क देते हैं। सब्जी मंडी शहर से 2007-08 में चकरपुर नवीन कृषि मंडी परिषद ले जाई गई थी। मकसद सब्जी कारोबारियों को सहूलियत देना था। नवीन मंडी में सब्जी आढ़तियों को दुकानों के साथ बड़ी जगह मुहैया कराना था, जहां सड़क जाम की समस्या से कारोबारियों को न जूझना पड़े। किसानों और बाहर से आने वाले व्यापारियों के लिए गेस्ट हाउस की भी सुविधा मुहैया कराई गई, लेकिन सच्चाई यह है कि चकरपुर मंडी में सुविधाओं के नाम पर सब्जी कारोबारी ठगा महसूस कर रहे हैं। अधिकारी राजस्व के नाम पर व्यापारियों से शुल्क और किराया तो वसूल कर रहे हैं, लेकिन सुविधा नहीं दे रहे हैं।
गेस्ट हाउस का नहीं खुला ताला : आढ़तियों ने बताया कि मंडी परिसर में लाखों रुपये की लागत से कृषि उत्पादन मंडी परिषद ने गेस्ट हाउस बनाया था। ताकि, गेस्ट हाउस में बाहर से आने वाले कारोबारी और किसान ठहर सकें। अफसोस मंडी शुरू होने के करीब डेढ़ दशक बीत गए, लेकिन अधिकारी गेस्ट हाउस का संचालन नहीं कर सके। आढ़तियों को मजबूर होकर किसानों और व्यापारियों को शहर के होटल में ठहराना पड़ता है, जहां समय के साथ अधिक जेब भी ढीली करनी पड़ती है।
शौचालय की भी नहीं है सुविधा : आढ़तियों ने बताया कि इतनी बड़ी मंडी है। हर रोज करीब 10000 लोगों का आना-जाना रहता है। बावजूद इसके शौचालय और मूत्रालय की सुविधा उपलब्ध नहीं है। उन लोगों को हर दिन शर्मसार होना पड़ता है। इससे परिसर में गंदगी भी फैलती है। मंडी में आढ़तियों को अपनी दुकान के ऊपर शौचालय बनाने की इजाजत दी जाए। इसका खर्च आढ़ती उठाने के लिए तैयार हैं। वहीं दुकानदार बताते हैं कि मंडी में मानक के अनुसार सफाई कार्य हो रहा है या नहीं। यह देखने की जहमत अधिकारी नहीं उठाते हैं। सही कहें तो देखकर भी नजरअंदाज कर देते हैं, जबकि इस पर लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं।
यहां हर रोज नहीं उठता है कचरा : सब्जी कारोबारियों ने बताया कि मंडी परिसर में हर रोज 100 से अधिक ट्रकों से सब्जियां आती हैं। इन सब्जियों से बड़ी मात्रा में कचरा निकलता है। कचरा नीलामी चबूतरे से इधर-उधर बिखरता है, जिसकी सफाई नहीं होती है। सफाई कर्मी कचरा सड़क किनारे लगा देते हैं, जो सड़ता है। गंदगी की दुर्गंध के बीच मंडी में बैठना दूभर हो जाता है। धंधा करना है तो मंडी छोड़कर कहां जा सकते हैं। शिकायत करने पर मंडी के अधिकारी सफाई करा देते हैं, लेकिन अगले दिन से गंदगी की समस्या फिर जस की तस हो जाती है। जबकि मंडी परिसर की साफ-सफाई के लिए दो-दो ठेकेदार लगाए गए हैं। हर माह लाखों रुपये मंडी परिषद सफाई मद में भुगतान भी करती है।
शेड आवंटित कर भूल गया नगर निगम : गुमटी बंबा रोड पर नगर निगम ने वर्षों पहले सब्जी कारोबारियों को शेड का आवंटन किया था। यहां करीब 50 सब्जी दुकानदार बैठते हैं। हैरानी की बात है नगर निगम चबूतरे का आवंटन कर भूल गया। शुल्क वसूलना तो दूर मूलभूत सुविधाएं भी सब्जी विक्रेताओं को नहीं मिल रही हैं। बंबा रोड सब्जी मंडी में गुमटी और आसपास के इलाकों के लोग सब्जी खरीदने पहुंचते हैं। यह मंडी सुबह पांच बजे से लेकर रात नौ बजे तक गुलजार रहती है। शेड के बाद सड़क किनारे भी सब्जी की दुकानें लगती हैं। इस बाजार के दुकानदारों के लिए बिजली, पानी और शौचालय की सुविधा भी नहीं है। दुकानदारों की मानें तो उन्हें यूरिनल के लिए 100 मीटर दूर तक भटकना पड़ता है। बाजार में आने वाली महिलाओं को भी बहुत दिक्कत होती है। दुकानदारों ने बताया कि यह चबूतरा, जिसे आवंटित था उससे खरीदे हैं। 10 वर्ष से वह दुकान चला रहे हैं। आज तक एक रुपये नगर निगम ने उनसे शुल्क नहीं लिया है।
शुल्क लेकर सुविधाएं दे नगर निगम :सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि नगर निगम उनसे रोजाना शुल्क वसूल करे। उन लोगों को शुल्क देना मंजूर है, लेकिन सब्जी विक्रेताओं को मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जानी चाहिए। दुकानदारों को हर रोज जलालत से नगर निगम निजात दिलाए।
सुझाव
1.मंडी में बंद पड़ा गेस्ट हाउस अविलंब खोला जाए, जिसमें व्यापारियों और किसानों को ठहरने की व्यवस्था हो
2.मंडी परिसर में सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि, चोरियों पर लगाम लगाई जा सके
3.मंडी के सभी गेट को रोज खोला जाना चाहिए, इससे ज्यादा घूमकर आने जाने से राहत मिल सकेगी
4.सुलभ शौचालयों की संख्या बढ़ाई जाए, उसमें साफ-सफाई दिनभर होती रहे यह भी सुनिश्चित करें
5.मंडी परिसर में शुद्ध पेयजल के लिए आरओ और वाटर कूलर की व्यवस्था होनी चाहिए
समस्याएं
1.मंडी में पेयजल की उचित सुविधा नहीं है, कुछ टंकियां लगीं है, लेकिन उनकी कभी सफाई नहीं हुई।
2.मंडी में गंदगी चारों तरफ फैली रहती है। हर रोज कचरा न उठने से परिसर में दुर्गंध का बसेरा है
3.अनधिकृत रूप से वाहनों के खड़े रहने से सड़क जाम लग जाता है, लोडिंग-अनलोडिंग में दिक्कत होती है
4.मंडी के गेट पर बड़े-बड़े गड्ढे है, जिनमें माल लदे भारी वाहन फंस जाते हैं, जिससे दुर्घटना हो जाती है
5.कैंटीन की उचित व्यवस्था नहीं है, खानपान की अवैध दुकानों की मंडी में है भरमार
बोले व्यापारी
सब्जी मंडी में छुट्टा पशु बड़ी समस्या हैं। मंडी परिसर में छुट्टा पशुओं के प्रवेश पर रोक लगनी चाहिए।
जितेंद्र
मंडी में सांझ ढलते अंधेरा हो जाता है। हाईमास्ट लाइटें महीनों से खराब हैं। लाइटें ठीक होनी चाहिए।
गोपाल राठौर
मंडी में सफाई व्यवस्था सुधरनी चाहिए। लाखों रुपये का ठेका है, लेकिन सफाई धेला भर की नहीं होती है।
पंकज कुशवाहा
मंडी परिसर में शौचालय और मूत्रालय की सुविधा नहीं है। मंडी में मूत्रालय बनाए जाने चाहिए। काफी परेशानी होती है।
विनोद कुशवाहा
मंडी के नीलामी चबूतरों की मरम्मत और लाइटिंग व्यवस्था खराब है। इसमें सुधार कराने की आवश्यकता है।
सत्यम शुक्ला
मंडी में चोरी की समस्या बढ़ती जा रही है। आए दिन किसी न किसी का सामान चोरी होता है। सुरक्षा बढ़नी चाहिए।
सुभाष द्विवेदी
जलजमाव मंडी में बड़ी समस्या है। नालियों की हर रोज सफाई नहीं की जाती है, जिससे नालियां चोक हैं।
रामनंदन तिवारी
मंडी में सिक्योरिटी गार्ड की संख्या बढ़ाए जाने की जरूरत है। ताकि, सुरक्षा और निगरानी बढ़ सके।
राजीव कुमार द्विवेदी
बोले जिम्मेदार
मंडी में सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। जल्द ही साफ सफाइ्र करा दी जाएगी। वहीं, आढ़तियों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं। कहीं कोई कमी है तो सुधार कराया जाएगा। साथ ही किसी को कोई समस्या है तो वह अपनी बात सीधे रख सकता है।
- विजिन बालियान, सचिव कृषि उत्पादन मंडी परिषद
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