अफ्रीका व एशिया के वैज्ञानिकों को ड्रोन से खेती करना सिखा रहा आईआईटी
कानपुर में आईआईटी में एग्रीकल्चर प्रैक्टिस यूजिंग ड्रोन विषय पर अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें 13 प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में कृषि ड्रोन डिजाइन, निर्माण और उड़ान...
कानपुर। प्रमुख संवाददाता आईआईटी में अफ्रीकी-एशियाई ग्रामीण विकास संगठन (एएआरडीओ) की मदद से एग्रीकल्चर प्रैक्टिस यूजिंग ड्रोन: प्लान, डिजाइन, बिल्ड एंड फ्लाई विषय पर एक अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजन हुआ। इसका शुभारंभ आईआईटी की डीन इंटरनेशनल प्रो. बुशरा अतीक और मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के हेड प्रो. बिशाख भट्टाचार्य ने किया। इसमें विभिन्न अफ्रीकी और एशियाई देशों के कुल 13 प्रतिभागी शामिल हुए।
इस कार्यक्रम में माइक्रो-नैनो मशीनिंग, एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग और सस्टेनेबल इंजीनियरिंग की विस्तार से जानकारी दी जाएगी। आठ दिन तक चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सभी प्रतिभागियों को कृषि ड्रोन डिजाइन करने, निर्माण और उड़ान के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। पाठ्यक्रम के प्रशिक्षुओं को ड्रोन से सटीक फसल निगरानी, मृदा स्वास्थ्य मूल्यांकन, कीट नियंत्रण और स्मार्ट सिंचाई की जानकारी दी जाएगी। साथ ही, कृषि निगरानी के लिए ड्रोन-आधारित डेटा संग्रह और हवाई मानचित्रण और रिमोट सेंसिंग के बारे में बताया जाएगा। प्रो. बुशरा अतीक ने कहा कि भविष्य में कृषि में ड्रोन का प्रयोग बड़े स्तर पर किया जाएगा। प्रो. बिशाख भट्टाचार्य ने टिकाऊ खेती में ड्रोन के उपयोग सहित अन्य नवाचार के बारे में बताया।
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