लाल इमली का खाता किया सीज
लाल इमली कंपनी के कर्मचारियों के ईपीएफ का अंशदान जमा नहीं करने से ईपीएफओ ने बैंक खाता सीज कर दिया है, जिसके कारण 1.25 करोड़ रुपये लुप्त हैं। बीआईसी के सीएमडी ने कर्मचारियों को 20-20 हजार रुपये देने के...
कंगाली से गुजर रही लाल इमली का ईपीएफओ ने खाता सीज कर दिया है। कार्रवाई कंपनी प्रबंधन में हड़कंप की स्थिति है। क्योंकि कंपनी कर्मचारियों को 29 माह के बकाया वेतन का एडवांस 20-20 हजार रुपये देने जा रही थी। सीजर की कार्रवाई से कंपनी बैंक खाता को ऑपरेट नहीं कर पा रही है। इससे पहले ईएसआईसी कर्मचारियों का इलाज करने से मना करके झटका दे चुकी है। बीआईसी में 2009 से उत्पादन ठप है। कर्मचारियों-अधिकारियों को केंद्र सरकार वेतन मुहैया कराती है। काम के बदले ही वेतन दिया जाना है। लाल इमली प्रबंधन ने ज्यादातर कर्मचारियों का तबादला सिक्योरिटी विंग में कर दिया। इस समय करीब 200 कर्मचारी-अधिकारी लाल इमली में कार्यरत हैं। इन कर्मचारियों का 29 माह का वेतन, ग्रेच्युटी और बोनस बकाया है। सभी कर्मचारियों पर कंपनी लॉ लागू है। लिहाजा, वह ईपीएफ और ईएसआईसी के दायरे में भी आते हैं। 29 माह से कर्मचारियों का वेतन दे पाने में नाकाम लाल इमली प्रबंधन ईपीएफ और ईएसआईसी में कर्मचारियों का अंशदान जमा नहीं कर रहा है, जिसको लेकर ईपीएफओ और ईएसआईसी के अधिकारी लाल इमली प्रबंधन को लगातार नोटिस दे रहे थे, लेकिन प्रबंधन के कानों पर जूं तक नहीं रेंगा।
1.25 करोड़ रुपये ईपीएफ की रिकवरी
लाल इमली के कर्मचारियों के ईपीएफ का अंशदान करीब सवा करोड़ रुपये है, जिसे कंपनी प्रबंधन ईपीएफओ में जमा नहीं किया। लिहाजा, ईपीएफओ ने कंपनी का ग्वालटोली स्थित एसबीआई शाखा का खाता सीज कर दिया। बीते दिनों कर्मचारियों के दबाव पर बीआईसी के सीएमडी अजय गुप्ता ने 20-20 हजार रुपये सभी कर्मचारियों को देने के लिए रुपये लाल इमली के खाते में ट्रांसफर कराए थे। 29 माह से एक-एक रुपये को मोहताज कर्मचारियों को 20 हजार रुपये बड़ी रकम दिखने लगी, लेकिन खाता सीज होने से उन कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है, जिनका बैंक अकाउंट एसबीआई में है। लाल इमली कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अजय सिंह ने बताया कि बड़ी मुश्किल से कर्मचारियों के हक में 20-20 हजार रुपये स्वीकृत कराया गया था, लेकिन खाता सीज होने से मुश्किल खड़ी हो गई है। पीएफ का अंशदान कंपनी ने जमा नहीं किया है।
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