गंगा ने दिखाया रौद्र रूप, गांव और फसलें जलमग्न
कन्नौज में मानसून के दौरान भारी बारिश के बाद गंगा का जल स्तर बढ़ गया है, जिससे कई गांवों में बाढ़ की स्थिति बन गई है। नरौरा बांध से पानी छोड़े जाने के कारण कासिमपुर गांव में 70 परिवारों को सुरक्षित...
कन्नौज, संवाददाता। मानसून के दौरान पहाड़ों पर हुई अत्यधिक बारिश के बाद महादेवी घाट पर गंगा ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। गंगा की हिलकोरों की आवाज सुनकर एक दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीण पिछले कई दिनों से भयभीत हैं। पांच दिन से नरौरा बांध से हर रोज पानी छोड़े जाने के बाद गंगा के जलस्तर में तेजी के साथ वृद्धि हो रही है। गंगा का जल स्तर चेतावनी बिन्दु के ऊपर पहुंच गया है। मौजूदा समय में गंगा 125.880 मीटर पर बह रही है। प्रशासन की टीमें लगातार गंगा के जल स्तर पर मानीटरिंग कर रही हैं। हालांकि, अभी तक केवल महादेवी घाट पर स्थित कासिमपुर गांव में गंगा का पानी अंदर गांव तक पहुंच गया है। इसके अलावा अन्य करीब आधा दर्जन गांवों को गंगा के पानी ने पूरी तरह से घेर लिया है। फिलहाल अभी कोई खतरा नहीं है। प्रशासन की टीमें ग्रामीणों को लगातार जागरुक करने का कार्य कर रही हैं। पहाड़ों पर पिछले करीब एक पखवारे से अधिक समय से हो रही बारिश के बाद नरौरा बांध ओवर फ्लो होने लगा था। बांध के ओवरफ्लो होने के बाद चार दिनों में लाखों क्यूसिक पानी छोड़ा गया। गुरुवार की सुबह नरौरा बांध से 1,15 हजार 180 क्यूसिक पानी छोड़ा गया। इस पानी के आने के बाद कासिमपुर सहित करीब आधा दर्जन गांवों के किनारों तक पानी पहुंच गया है। खेत पूरी तरह से लबालब हो चुके हैं। कासिमपुर गांव के करीब 70 परिवारों के बाहर निकालने के लिए प्रशासुन लगातार मशक्कत कर रहा है। कुछ परिवारों को बाहर निकाल भी लिया गया है। डीएम शुभ्रांत शुक्ला, एडीएम आशीष कुमार सिंह, एसडीएम रामकेश सिंह, नायब तहसीलदार हिमांशू सिंह के अलावा अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों ने गांव पहुंचकर ग्रामीणों से पानी बढऩे की सूरत में गांव छोडऩे की बात कही। सड़क किनारे प्रशासन की ओर से राहत शिविर बनाया गया है। जहां पर ग्रामीणों को दोपहर भोजन कराया गया।
बाढ़ ने कटरी में बरपाया कहर, ढाई हजार बीघा फसलें जलमग्न
कन्नौज। नरौरा बांध से पानी छोड़े जाने से कटरी के ग्रामीणों में हड़कंप मच गया है। करीब ढाई हजार बीघा फसल पूरी तरह से जलमग्न हो गई है। हालात यह हैं कि लौकी समेत अन्य फसलों के लिए गाड़े गए बांस का आखिरी से पानी के अंदर दिखाई दे रहा है। इसके अलावा फसल पूरी तरह से जलमग्न होने के बाद बर्बाद हो गई है। फसलें डूब जाने से सैकड़ों की संख्या में किसानों का लाखों रुपया बर्बाद हो गया है। इसकी भरपाई होना भी मुश्किल लग रहा है। कासिमपुर ग्राम पंचायत के ग्राम मदन राजपूत ने बताया कि करीब दस हजार बीघा भूमि बाढ़ के पानी में जलमग्न हो गई है। इसमें करीब ढाई हजार बीघा में किसानों ने फसलें की थी। सोयाबीन, मेथी, धनिया, खीरा, लौकी, भिंडी समेत तमाम सब्जी वाली फसलें किसानों ने उगाई थी। कहा कि इस समय किसानों को इन फसलों से रोजाना हजारों रुपये की आमदनी हो रही थी, लेकिन पिछले पांच दिनों से लगातार बढ़ रहे जल स्तर से सारी फसलें जलमग्न हो गई हैं, और किसानों के अरमान भी पानी में धुल गए हैं। हलांकि उनका कहना था कि किसानों के लिए आगे की फसलों के लिए यह बाढ़ वरदान भी साबित होगी। इसके बाद होने वाली फसलों की पैदावार अच्छी होगी, लेकिन इन फसलों के डूब जाने से किसानों को बड़ा नुकसान पहुंचा है। प्रशासन से मांग की कि इन फसलों का सर्वे कराकर किसानों को उचित मुआवजा दिलाया जाए।
इन गांवों के आसपास पहुंचा पानी
कन्नौज। नायब तहसीलदार हिमांशू सिंह ने बताया कि गंगा के बढ़े जल स्तर से जुकैया, दरियापुर पट्टी, कन्नौज कछोहा, कटरी फिरोजपुर, कटरी अमीनाबाद, समेत अन्य गांवों के आसपास पानी पहुंच गया है। हलांकि अभी इन गांवों में किसी के घर में पानी नहीं घुसा है। कहा कि शुक्रवार की दोपहर से पानी में बढ़ोत्तरी नहीं हुई है। नरौरा बांध पर संपर्क किया गया है। फिलहाल अभी पानी छोड़े जाने की सूरत नहीं है। कहा कि क्षेत्रीय लेखपाल, कानूनगो लगातार मानीटरिंग कर रहे हैं।
गुमटिया गांव पहुंचने का रास्ता हुआ अवरुद्ध
कन्नौज। चौधरियापुर से चौराचांदपुर, गुमटिया गांव होते हुए महादेवी घाट जाने वाले रास्ता गंगा का जल स्तर बढऩे से अवरुद्ध हो गया है। सड़क के ऊपर पानी बह रहा है। लोगों को इधर से उधर नांव के जरिए उतारा जा रहा है।
कासिमपुर से लोग अपने जानवरों समेत आ रहे बाहर
कन्नौज। कासिमपुर गांव में करीब 70 परिवारों को प्रशासन ने चिन्हित किया है। उनसे बाहर निकल आने की अपील की गई है। हलांकि काफी संख्या में लोग बाहर निकल भी रहे हैं। लोग अपने परिवार के साथ जानवरों को भी साथ लेकर आ रहे हैं।
अंतिम संस्कार करने वाले लोगों की बढ़ी मुश्किलें
कन्नौज। महादेवी घाट पर किनारे तक पानी आ जाने के बाद अंतिम संस्कार करने के लिए पहुंच रहे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोग किनारे पर किसी तरह अंतिम संस्कार कर रहे हैं। इसके अलावा तमाम लोग ऊपर ही बने शवदाह गृह में अंतिम संस्कार कर रहे हैं।
बिरियावाले आश्रम के अंदर तक पहुंचा पानी
कन्नौज। कासिमपुर गांव जाने वाले रास्ते पर बिरियावाले बाबा का आश्रम है। इस आश्रम में सैकड़ो वर्ष पुरानी भगवान शिव की विशालकाय प्रतिमा है। बाढ़ के पानी ने इस आश्रम को भी अपने आगोस में ले लिया है। बताया जा रहा है कि मां गंगा का पानी मंदिर के समीप तक पहुंच गया है। इसके अलावा बाढ़ के पानी ने मंदिर को चारों तरफ से घेर रखा है।
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बाढ़ के पानी से कई जगह संपर्क मार्ग हुए क्षतिग्रस्त
कन्नौज। गंगा में आई भीषण बाढ़ से गांवों को पहुंचने वाले संपर्क मार्ग कई जगह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। इससे ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उधर, बाढ़ से हजारों बीघा भूमि जलममग्न हो जाने के बाद ग्रामीणों के सामने अपने पशुओं के हरे चारे की समस्या उत्पन्न हो गई है। वह दूसरे क्षेत्रों में पहुंचकर अपने जानवरों को चराने के लिए विवश हो रहे हैं।
प्रशासन आज करेगा राहत सामग्री का वितरण
कन्नौज। प्रशासन शुक्रवार को कासिमपुर गांव के ग्रामीणों के बीच राहत सामिग्री का वितरण करेगा। एसडीएम ने बताया कि ग्रामीणों को बाढ़ से बचाव के लिए लगातार जागरुक किया जा रहा है। ताकि उनको सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा सके। फिलहाल जल स्तर में वृद्धि नहीं हो रही है, लेकिन इसके बावजूद सावधानी बरती जा रही है।
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