पूविवि के पूर्व डीन प्रो.पीसी विश्वकर्मा नहीं रहे
Jaunpur News - फोटो...02बह पांच बजे शहर के परमानतपुर मोहल्ला स्थित आवास पर निधन हो गया। उनका जीवन बहुआयामी व्यक्तित्व से भरा था। वह जिले की विधिक, साहित्यिक व सामाजि

जौनपुर, संवाददाता वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पूर्व डीन व टीडी पीजी कालेज में विधि विभाग के वरिष्ठ प्राध्यापक रहे 74 वर्षीय प्रोफेसर पीसी विश्वकर्मा का रविवार को सुबह पांच बजे शहर के परमानतपुर मोहल्ला स्थित आवास पर निधन हो गया। उनका जीवन बहुआयामी व्यक्तित्व से भरा था। वह जिले की विधिक, साहित्यिक व सामाजिक दुनिया में गहरी छाप छोड़ गए हैं। उनका अंतिम संस्कार आदिगंगा गोमती के रामघाट पर किया गया। मुखाग्नि उनके छोटे पुत्र प्रभंजन विश्वकर्मा ने दी। पूर्व डीन पीसी विश्वकर्मा शिक्षाविद ही नहीं एक कुशल विधिवेत्ता के रूप में जाने जाते रहे। वह जिले के उपभोक्ता फोरम के सदस्य भी रहे।
साहित्य में उनकी विशेष रुचि रही। वह जाने माने शायर के रूप में लोकप्रिय थे। मोहब्बत दिल में पैदा कर लिया क्या, किसी का र्दद अपना कर लिया क्या, जैसी अनेक कालजयी रचनाओं के रचनाकार डा.पीसी विश्वकर्मा की कई पुस्तकें प्रकाशित व पुरस्कृत हो चुकी हैं। वह साहित्यिक संस्था कोशिश के संरक्षक रहे। उनके निधन से जिले के साहित्य जगत व समाज सकी अपूरणीय क्षति हुई है। उनके निधन की खबर लगते ही शिक्षा, न्याय और साहित्य जगत में शोक की लहर दौड़ गई। डा.पीसी विश्वकर्मा के निधन से जिले ने एक बहुआयामी व्यक्तित्व खो दिया। कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष इंद्रभुवन सिंह, रूप सेवा संस्थान के प्रबंधक रामकृष्ण त्रिपाठी, कोशिश संस्था के पूर्व अध्यक्ष प्रो.आरएन सिंह, कवि रामजीत मिश्र, अशोक मिश्र, अनिल उपाध्याय, संजय सिंह, गिरीश श्रीवास्तव, राजेश पाण्डेय, फूलचंद्र भारती समेत भारी संख्या में लोगों ने उनके आवास पर पहुंच कर उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
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