झांसी में सियार ने किसान पर किया हमला, हाथ-मुंह नोचकर भागा; 6 लोगों को बना चुका है अपना शिकार
- यूपी के कई जिलों में जंगली जानवरों ने दहशत फैला रखी है। नया मामला झांसी और हमीरपुर से सामने आया है। झांसी में सियार ने एक किसान पर हमला कर हाथ मुंह नोच लिया। जबकि हमीरपुर में 26 भेड़ों को मारने लाले लकड़बग्घों की तलाश में वन विभाग जुटा है।
यूपी के झांसी में सोमवार सुबह खेत जा रहे किसान पर सियार ने हमला कर दिया। उसका नाक, कान, गला और हाथ नोंच डाला। शोर सुनकर लाठी लेकर ग्रामीण दौड़े तो सियार जंगल में भाग गया। सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने वहां एक पिजड़ा लगा दिया है। ये घटना टोड़ीफतेहपुर मोहल्ला के खदिया का है।
किसान बीरन आर्य सुबह करीब छह बजे खेत जा रहे थे। अचानक सियार ने उनके चेहरे पर हमला कर दिया। वह कुछ समझ पाते, सियारने पंजें और दांतों से चेहरे, गले, नाक, कान और हाथ पर कई जगह नोच लिया। जिससे वह लहूलुहान हो गए। उनके शोर मचाने पर ग्रामीण लाठी लेकर दौड़े तो एक और किसान पर हमला कर सियार जंगल की ओर भाग गया। सूचना पर पुलिस और वन विभाग की टीम पहुंची और वहां एक पिजरा लगा दिया। सियार टहरौली तहसील क्षेत्र में अब तक छह लोगों पर हमला कर चुका है। कुछ दिन पहले सियारों ने रनयारा गांव में हमला करके महिला समेत तीन लोगों को जख्मी कर दिया था। एसडीएम टहरौली अजय कुमार यादव ने बताया कि कुछ दिनों में रनयारा, दाता और टोडीफतेहपुर में जंगली जानवरों के हमले की जानकारी मिली है। वन विभाग को निर्देशित कर पिंजरा लगवाया गया है और वन विभाग की टीमें वहां लगातार कैंप कर रही हैं।
हमीरपुर में पूरी रात हुई खोजबीन पर नहीं मिले खूनी लकड़बग्घे
उधर, हमीरपुर में पशुबाड़े में घुसकर 26 भेड़ों को मारने वाले खूनी लकड़बग्घों की खोज में रात भर वन विभाग की टीमें जुटी रहीं। देर रात चित्रकूटधाम मंडल के वन संरक्षक ने भी घटना स्थल और खोज में लगी टीमों के साथ जंगल का जायजा लिया। पशु चिकित्सकों की टीमों ने मृत भेड़ों का पोस्टमार्टम किया। पूरी रात खोजबीन के बाद भी लकड़बग्घे नहीं दिखे, जिससे ग्रामीणों में दहशत है।
मौदहा वन रेंज के पाटनपुर गांव में रविवार को तड़के करीब तीन बजे लकड़बग्घों ने गांव के रामनारायण पाल के पशुबाड़े में 26 भेड़ों को मार डाला था। लकड़बग्घे भेड़ों के दस बच्चे उठा भी ले गए थे। वन विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ रविवार शाम मंडलायुक्त, डीआईजी ने भी डीएम-एसपी के साथ गांव से लेकर जंगल तक की स्थिति देखी। वन विभाग की टीम रविवार से ही लकड़बग्घों की खोज में लग गई थी। प्रभागीय वनाधिकारी एके श्रीवास्तव ने बताया कि रात में पांच सदस्यीय टीम वन क्षेत्राधिकारी एसके त्रिपाठी की अगुवाई में लकड़बग्घों की खोज में लगी रही। दूसरी टीम को गांव की निगरानी में लगाया है। अभी तक लकड़बग्घों की कोई लोकेशन नहीं मिली। गांव में पिंजरे के साथ ही कुछ स्थानों पर जाल लगाए गए हैं। सुमेरपुर-मौदहा ब्लाकों की सीमा पर बसे पाटनपुर गांव में घटना के बादरोहारी, भरसवां, विदोखर पुरई, बंडा, मवईजार, अछरेला, बहरेला, इंगोहटा गांवों में दहशत का माहौल है।
रात भर छानी जंगलों की खाक
लकड़बग्घे के हमले के बाद रविवार की पूरी रात ग्रामीणों का जत्था हाथों में लाठी-डंडे और टार्च लेकर जंगल में भ्रमण करता रहा। वन विभाग की टीमें भी लकड़बग्घों की खोज में लगी, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। रात भर लगे पिंजरे के आसपास कोई भी लकड़बग्घा नहीं फटका, जबकि पिंजरे के अंदर चारे के रूप में एक बकरी को रखा गया था।